श्रुति की स्थापना के भी 40 साल पूरे होने पर हुआ यह बड़ा आयोजन
श्रुति, दिल्ली द्वारा तीन दिवसीय युवा महोत्सव का आयोजन सेवाग्राम आश्रम, महाराष्ट्र में 16-18 जून को किया गया। आयोजन में 15 राज्यों के 35 संगठनों से जुड़े करीब 250 कार्यकर्ता और युवाओं ने काफी जोश के साथ सक्रिय भागीदारी निभाई। युवा महोत्सव खास मौका होता है, जिसमें 4 भाषा-क्षेत्रों से जुड़े सामाजिक परिवर्तनशाला (स्कूल फॉर सोशल चेंज) के प्रतिभागियों के साथ एक राष्ट्रीय स्तर का समावेश होता है । इससे पहले युवा महोत्सव 2018 में मानगाँव (रायगढ़, महाराष्ट्र) और 2019 में नासिक (महाराष्ट्र) में आयोजन हुआ था । कोरोना महामारी में दो साल तक तो एस.एस.सी. की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी । इसलिए युवा महोत्सव इन कुछ सालों में आयोजित नहीं हो पाया था । इस साल श्रुति की स्थापना के भी 40 साल पूरे हो रहे हैं, इसलिए इस आयोजन का खास महत्त्व था।
स्कूल फॉर सोशल चेंज
कार्यक्रम के शुरुआती दिन में एक रैली का आयोजन किया गया । प्रतिभागियों ने अपने समुदाय/इलाके के पारंपरिक एवं सांस्कृतिक परिधान पहनकर नृत्य-गान के साथ आयोजन स्थल तक पहुंचे। प्रथम सत्र में वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने सामाजिक परिवर्तनशाला (स्कूल फॉर सोशल चेंज) के उद्देश्य के बारे जानकारी दी। श्रुति की स्थापना के इस साल 40 साल के लंबे सफ़र पर भी प्रकाश डाला गया । सामाजिक परिवर्तनशाला 2022-23 बैच के प्रतिभागियों ने भी पांच शिविरों से ली गई शिक्षा और उन पर हुए व्यक्तिगत प्रभाव के बारे में अपनी बात रखी ।
महिला अधिकारों के मुद्दे पर नाटक का मंचन
पहले दिन बंगाल के वरिष्ठ नाटककर्मी संजय गांगुली के नेतृत्व में उनकी जन-संस्कृति थियेटर टीम ने महिला अधिकारों के मुद्दे पर नाटक का मंचन किया । उन्होंने थियेटर ऑफ द ऑप्रेस्ड के बारे में विस्तार से बताया । दर्शकों की भूमिका के बारे में भी बताया की वे सिर्फ दर्शक नही , इसमें सक्रिय भाग भी लेते है, जिससे उनमें भी शोषण के खिलाफ लड़ने और सामाजिक परिवर्तन करने की प्रेरणा मिलती है ।
विभिन्न कौशल/विधाएँ सीखने के विभिन्न कार्यशाला सत्रों का भी आयोजन
युवा महोत्सव में परिवर्तन के क्षेत्र में काम कर रहे युवाओं को शिक्षित करने, प्रतिरोध करने और संगठित होने की प्रक्रिया समझाने के उद्देश्य से कई क्रिया-कलाप किए गए । इसी कड़ी में विभिन्न कौशल/विधाएँ सीखने के विभिन्न कार्यशाला सत्रों का भी आयोजन हुआ । इसमें नाटक, पोस्टर, वीडियो बनाना और एडिटिंग, पोस्टर, गीत और कविताएँ: लिखना और गाना, नारे बनाना , कहानी बनाना, डॉक्युमेंटेशन, फ़ंडरेज़िंग जैसे सत्र शामिल था । इस सत्रों का संचालन विषयों के एक्सपर्ट्स के मार्गदर्शन में हुआ ।
युवा पार्लियामेंट का आयोजन
महोत्सव में देश के संसद की प्रक्रिया को समझाने के उद्देश्य से युवा पार्लियामेंट का आयोजन हुआ जिसमे युवाओं को विभिन्न पार्टियों में बांटा गया । युवाओं ने विभिन्न सामाजिक , राजनीतिक, सांस्कृतिक मुद्दो पर आपस में बहस किया और इसके समाधान पर भी सोच बनाई । अपनी विचारधारा के हिसाब से दूसरी पार्टी के साथ गठबंधन भी किया ।
लगी फोटो-पोस्टर प्रदर्शनी
युवा महोत्सव में फोटो प्रदर्शनी का आयोजन हुआ जिसमे देशभर के संगठनों की यात्रा, जन आंदोलन से हुए प्रभाव के बारे में सूचना मिलती है । इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों की पारंपरिक चीज़ों जैसे अनाज, दाल, सब्ज़ियों, और फलों के देसी बीज, परिधान आदि के स्टॉल भी लगाए गए थे । आयोजन स्थल में संगठनों द्वारा बनाए गए पोस्टर, बैनर भी लगाए गए थे । इसमें संवैधानिक अधिकारों, प्रकृति संरक्षण, जलवायु परिवर्तन, जन आंदोलन के इतिहास जैसे मुद्दों पर भी पोस्टर लगाए गए ।
बापू कुटी परिसर का परिभ्रमण और दर्शन
तीसरे दिन शाम को कार्यक्रम में शिरकत करने आए युवाओं ने सेवाग्राम स्थित बापू कुटी परिसर का परिभ्रमण और दर्शन किया. गांधीजी ने यहां जीवन के अंतिम 12 वर्ष बिताए, जो भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन के नज़रिए से काफी महत्वपूर्ण साबित हुए. यहां बापू से जुड़ी तमाम जुड़ी और यादें आज भी महफूज़ हैं. नियमित सुबह-शाम यहां सर्व धर्म प्रार्थना सभा होती है. युवा महोत्सव में जुटे विभिन्न राज्यों के युवाओं ने भी प्रार्थना सभा में भाग लिया, जहां श्रुति की श्वेता ने बापू को लेकर सरोजिनी नायडू द्वारा दिए गए उद्गार को पढ़ सुनाया.
आखिरी दिन सामाजिक परिवर्तन शाळा 2022-23 बैच के प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट प्रदान किया गया । शाम में शसामाजिक परिवर्तन शाळा एवं श्रुति के 40 साल की यात्रा पर फिल्मों की प्रदर्शनी हुई । समापन सत्र में विभिन्न संगठनों के प्रतिभागियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे नाटक , नृत्य, गान पेश किया गया ।
आयोजन में श्वेता त्रिपाठी ( दिल्ली ), अरविंद अंजुम ( (झारखंड ) , उल्का महाजन ( महाराष्ट्र ) , अमित भाई ( ( मध्य प्रदेश ), देवेंद्र उपाध्याय ( राजस्थान ), सौरभ सिन्हा ( दिल्ली ), विलास भोंगाडे ( महाराष्ट्र), सिलवराज (तमिलनाडु ) संजय गांगुली ( बंगाल ), राही भाई (उत्तर प्रदेश ) शामिल थे ।
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शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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