कोरोना के बाद सड़क हादसों में इजाफा हुआ है। साल 2021 की तुलना में 2022 में 16 फीसदी सड़क हादसे बढ़े। मौत के मामलों में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जबकि घायलों की संख्या में 16 प्रतिशत वृद्धि दर्ज हुई है। सूत्रों के अनुसार सड़क सुरक्षा पर बैठक के दौरान दुर्घटनाएं बढ़ने पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने नाराजगी जाहिर की है और संबंधित अधिकारियों से सड़क हादसों में कमी लाने के लिए किए जा रहे प्रयासों को पूरी मुस्तैदी से करने का निर्देश दिया है। उन्होंने चिह्नित ब्लैक स्पॉट पर सुरक्षात्मक उपायों को पूरा करने, जागरूकता और यातायात नियमों की अनदेखी करने वालों के खिलाफ सख्ती करने का निर्देश दिया है।
2021 में 3513 और 2022 में 3898 लोगों की मौत
राज्य में 2021 के दौरान 4728 सड़क दुर्घटनाओं में 3513 लोगों की जान गई जबकि 3227 घायल हो गए। दूसरी ओर वर्ष 2022 के दौरान राज्य भर में 5174 सड़क दुर्घटनाएं हुई इनमें 3898 लोगों की मौत हो गई और 3745 घायल हुए। 2021 की तुलना में 2022 के दौरान सड़क दुर्घटनाएं 449 (9.50 ) अधिक हुई। इसी प्रकार मौत के मामले 387 (11.02 ) बढ़ गए और घायलों की संख्या भी 519 (16.08 ) अधिक रिपोर्ट हुई है।
45 फीसदी हादसों दोपहिया वाहनों के
परिवहन विभाग के अंतर्गत लीड एजेंसी – सड़क सुरक्षा की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2022 के दौरान 45 फीसदी हादसों में दोपहिया वाहन शामिल हुए। कार, जीप, वैन, टैक्सी से 13 प्रतिशत और ट्रक, लॉरी से 12 फीसदी सड़क हादसे रिपोर्ट किए गए हैं। दुर्घटनाओं के अध्ययन के आधार पर देखा गया है कि करीब 80 फीसदी हादसों में 18 वर्ष या इससे कम उम्र के किशोर, नौजवानों की मौत हुई है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनी थी समिति
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनी सड़क सुरक्षा समिति के सदस्यों ने भौतिक निरीक्षण शुरू कर दिया है। समिति के सदस्यों ने बुधवार को जमशेदपुर में मौका मुआयना कर सुरक्षात्मक उपायों की जमीनी हकीकत परखी। समिति रांची, बोकारो, जमशेदपुर, धनबाद के ब्लैक स्पॉट पर सुधार के उपायों का जायजा लेगी। नौ सदस्यीय समिति 28 मई तक स्थल निरीक्षण कर हकीकत की करेगी पड़ताल। राष्ट्रीय राजमार्गों पर 42 फीसदी हादसे रिपोर्ट किए गए जबकि राज्य की अन्य सड़कों पर 46 प्रतिशत सड़क दुर्घटना हुई हैं। स्टेट हाईवे पर 12 प्रतिशत दुर्घटनाएं रिपोर्ट की गई है। इसी प्रकार सर्वाधिक 43 फीसदी मौत राज्य की अन्य सड़कों पर देखी गई है। इसी प्रकार 42 फीसदी मौत राष्ट्रीय राजमार्गों पर और 15 फीसदी मौत स्टेट हाईवे पर हुआ है।
ब्लैक स्पॉट पर किए सुरक्षात्मक उपाय
हादसों की पुनरावृति के आधार पर चिह्नित राज्य के ब्लैक स्पॉट पर सुरक्षात्मक उपाय किए जा रहे हैं। कम समय में किए जाने वाले उपायों में साइनेज बोर्ड लगाना, चेतावनी, रम्बल स्ट्रीप आदि के अलावा लंबे समय में किए जाने वाले उपायों सड़क चौड़ीकरण, फ्लाईओवर, अंडर पास आदि भी योजना बनाकर किए जाने हैं। इसके अलावा ऐसे ब्लैक स्पॉट पर यातायात नियमों का अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए सख्ती की जा रही है। इस साल जनवरी से मार्च तक 7368 बिना ड्राइविंग लाइसेंस चलने वालों को पकड़ कर चालान किया गया।
ओवर स्पीड वाले 1643 पकड़े गए। लाल बत्ती जंप करने वाले 14218 का चालान काटा गया। मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाने वाले 1210 और गलत दिशा में वाहन चलाते 578 पकड़े गए।
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