लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए है ये कानून
भारतीय संविधान ने लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए बहुत से कानूनी उपाय बताये हैं परन्तु दुर्भाग्यवश कुछ उपाय तो लोगों को अभी तक पता ही नही चल पाये हैं |
इस लेख में हमने ऐसे ही कुछ कानूनों और अधिकारों की चर्चा की है जो कि साधारण लोगों और महिलाओं को शोषण से बचायेंगे |
कुछ महत्वपूर्ण एक्ट
1.मोटर वाहन एक्ट, 1988, सेक्शन -185,202
ड्राइविंग के समय यदि आपके 100ml ब्लड में अल्कोहल का लेवल 30mg से ज्यादा मिलता है तो पुलिस बिना वारंट आपको गिरफ्तार कर सकती है |
2.आपराधिक प्रक्रिया संहिता, सेक्शन 46
किसी भी महिला को शाम 6 बजे के बाद और सुबह 6 बजे से पहले गिरफ्तार नही किया जा सकता है |
3. भारतीय सरिउस अधिनियम 1887
कोई भी होटल चाहे वो 5 स्टार ही क्यों न हो, आपको फ्री में पानी पीने और वाशरूम का इस्तेमाल करने से नही रोक सकता है |
4. पुलिस एक्ट,1861
एक पुलिस अधिकारी हमेशा ही ड्यूटी पर होता है चाहे उसने यूनिफार्म पहनी हो या नही | यदि कोई व्यक्ति इस अधिकारी से कोई शिकायत करता है तो वह यह नही कह सकता कि वह पीड़ित की मदद नही कर सकता क्योंकि वह ड्यूटी पर नही है |
5.मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961
कोई भी कंपनी गर्भवती महिला को नौकरी से नहीं निकाल सकती, ऐसा करने पर अधिकतम 3 साल तक की सजा हो सकती है|
6.आयकर अधिनियम, 1961
टैक्स उल्लंघन के मामले में, कर वसूली अधिकारी को आपको गिरफ्तार करने का अधिकार है लेकिन गिरफ्तार करने से पहले उसे आपको नोटिस भेजना पड़ेगा । केवल टैक्स कमिश्नर यह फैसला करता है कि आपको कितनी देर तक हिरासत में रहना है |
7.हिंदू मैरिज एक्ट की धारा-13
तलाक निम्न आधारों पर लिया जा सकता है :
हिंदू मैरिज एक्ट के तहत कोई भी (पति या पत्नी) कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी दे सकता है। व्यभिचार (शादी के बाहर शारीरिक रिश्ता बनाना), शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना, नपुंसकता, बिना बताए छोड़कर जाना है |
इसके अलावा हिंदू धर्म छोड़कर कोई और धर्म अपनाना, पागलपन, लाइलाज बीमारी, वैराग्य लेने और सात साल तक कोई अता-पता न होने के आधार पर तलाक की अर्जी दाखिल की जा सकती है।
8.मोटर वाहन अधिनियम
मोटर वाहन अधिनियम की धारा 129 में वाहन चालकों को हेलमेट लगाने का प्रावधान है। मोटर वाहन अधिनियम की धारा 128 में बाइक पर दो व्यक्तियों का बैठने का प्रावधान है।
लेकिन ट्रैफिक पुलिस के द्वारा गाड़ी या मोटरसाइकिल से चाबी निकालना बिलकुल ही गैर कानूनी है इसके लिए आप चाहें तो उस कांस्टेबल/अधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी कर सकते हैं |
9.दंड प्रक्रिया संहिता,1973
केवल महिला पुलिसकर्मी ही महिलाओं को गिरफ्तार कर थाने ला सकती है|
पुरुष पुलिसकर्मियों को महिलाओं को गिरफ्तार करने का अधिकार नहीं है| इतना ही नहीं महिलाएं शाम के 6 बजे से सुबह के 6 बजे के बीच पुलिस स्टेशन जाने से मना कर सकती हैं।
एक गंभीर अपराध के मामले में मजिस्ट्रेट से लिखित आदेश प्राप्त होने पर ही एक पुरुष पुलिसकर्मी किसी महिला को गिरफ्तार कर सकता है।
10.बहुत ही कम लोग इस बात को जानते हैं कि यदि उनका गैस सिलेंडर खाना बनाते समय फट जाये तो आप जान और माल की भरपाई के लिये गैस कम्पनी से 40 लाख रुपये तक की सहायता के हक़दार हैं |
11.विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (FCRA) 2010
आपको यह जानकर अचरज होगा कि यदि आप किसी कंपनी से किसी त्यौहार के मौके पर कोई गिफ्ट लेते हैं तो यह रिश्वत की श्रेणी में आता है | इस जुर्म के लिए आपको सजा भी हो सकती है |
12.मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2016
यदि आपका किसी दिन चालान (बिना हेलमेट के या किसी अन्य कारण से) काट दिया जाता है तो फिर दुबारा उसी अपराध के लिए आपका चालान नही काटा जा सकता है |
13.अधिकतम खुदरा मूल्य अधिनियम, 2014
कोई भी दुकानदार किसी उत्पाद के लिए उस पर अंकित अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक रुपये नही मांग सकता है परन्तु उपभोक्ता, अधिकतम खुदरा मूल्य से कम पर उत्पाद खरीदने के लिए दुकानदार से भाव तौल कर सकता है |
14.परिसीमा अधिनियम, 1963
यदि आपका ऑफिस आपको सैलरी नही देता है तो आप उसके खिलाफ 3 साल के अन्दर कभी भी रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं | लेकिन यदि आप 3 साल के बाद रिपोर्ट करते हैं तो आपको कुछ भी हासिल नही होगा|
15.भारतीय दंड संहिता की धारा 294
यदि आप सार्वजनिक जगहों पर “अश्लील गतिविधि” में संलिप्त पाये जाते हैं तो 3 महीने तक की सज़ा है |लेकिन “अश्लील गतिविधि” की कोई स्पष्ट परिभाषा नही होने के कारण पुलिस इस कानून का दुरूपयोग करती है |
Article by- Nishat Khatoon
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