एएचटीयू टीम के इंचार्ज इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा ने शुक्रवार को इमिग्रेशन चेक पॉइंट के करीब 100 मीटर आगे दो लोगों को बच्चों को ले जाते हुए देखा।इन बच्चों की उम्र ४ से ७ साल के बीच थी।
बॉर्डर चेक पॉइंट के पास टीम ने आरोपियों को दबोचा
बिहार-नेपाल सीमा के रक्सौल के रास्ते 23 बच्चों को शिक्षा दिलाने के नाम पर बोध भिक्षु के वेश में अवैध रूप से काठमांडू से बिहार के बोधगया लाया जा रहा था।
कैसे पता चला?
एसएसबी की 47 बटालियन के कमांडेंट प्रियव्रत शर्मा के निर्देशन में एएचटीयू टीम के इंचार्ज इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा ने शुक्रवार को इमिग्रेशन चेक पॉइंट के करीब 100 मीटर आगे दो लोगों को 23 बच्चों को ले जाते हुए देखा। शक होने पर दोनों आरोपियों से कड़ी पूछताछ की गई तो सामने आया कि बच्चों को अवैध रूप से बिहार के बोधगया ले जाया जा रहा था।
बच्चों कोनेपाल के एनजीओ मैत्यी को सौंपा
एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने बच्चों को नेपाल के एक एनजीओ मैत्यी नेपाल को सौंप दिया है। एनजीओ के साथ संयुक्त पूछताछ में सामने आया कि बच्चों को बिहार के बोधगया में शिक्षा के नाम पर ले जा रहे हैं। जब इनसे शिक्षा से संबंधित पत्र की मांग की गई तो इनके पास काठमांडू की गैर-सरकारी मोनेस्ट्री के दो पत्र मिले जिनका नेपाल सरकार में कोई रजिस्ट्रेशन नही था।
बुद्ध गया मोनेस्ट्री से पूछताछ
आगे की कार्यवाही करते हुए जब एएचटीयू की टीम ने बोधगया मोनेस्ट्री के रजिस्ट्रेशन नम्बर के बारे में पूछा तो आरोपी इसकी जानकारी भी नहीं दे पाए।इससे साफ हो गया की यह लोग फर्जी दस्तावेज़ बनाकर बच्चो की तस्करी कर रहे थे। लिहाजा दोनों आरोपियों ने पूछताछ में अपना जुर्म कबूल किया ।
अब इसकी सूचना नेपाल दूतावास, नेपाल श्रम-मंत्रालय, नेपाल सरकार, बिहार सरकार और भारत सरकार को दे दी गई है।
Article by- Nishat Khatoon
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