लोकसभा के बाद असिस्टेंट रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (ART) बिल 2021 राज्यसभा में भी पारित हो गया है|
सरकार का कहना है कि महिलाओं के प्रजनन अधिकारों के सरंक्षण के मकसद से ये बिल लाया गया है।ART सेंटर ने जहां इनफ़र्टिलिटी या बांझपन से जूझ रहे लोगों को उम्मीद दी है वहीं कई सामाजिक और वैधानिक सवाल भी उठाए हैं।
क्या है यह ART बिल 2021
ART यानी कृत्रिम तकनीक की सहायता से कंसीव करना। इसकी सहायता ऐसे दंपति लेते हैं जिन्हें सामान्यतौर पर बच्चे को कंसीव करने में परेशानियां आती हैं।
बिल किसी भी इच्छुक महिला को सरोगेट के रूप में कार्य करने की अनुमति देता है, और विधवाओं और तलाकशुदा लोगों को बच्चे पैदा करने के लिए सरोगेसी का विकल्प चुनने की भी अनुमति देता है। बिल में सरोगेट माताओं के लिए बीमा कवर की समय-सीमा को 16 महीने से बढ़ाकर 36 महीने करने का प्रस्ताव किया गया है।
बिल में यह भी कहा गया है कि एआरटी के माध्यम से पैदा होने वाले किसी भी बच्चे को कमीशनिंग दंपत्ति का जैविक बच्चा माना जाएगा और कमीशनिंग दंपत्ति से एक प्राकृतिक बच्चे को दिए गए सभी अधिकार और विशेषाधिकार बरकरार रहेंगे।
Article by- Nishat Khatoon
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