पूर्वी सिंहभमू के बर्खास्त सिविल सर्जन डॉ अरविंद कुमार लाल काे हाईकाेर्ट से बड़ी राहत मिली है। झारखंड सरकार द्वारा बर्खास्त किए जाने के मामले काे झारखंड हाईकोर्ट ने गलत करार देते हुए स्वास्थ्य विभाग के बर्खास्तगी आदेश काे निरस्त दिया है। डाॅ एके लाल काे 30 मार्च 2022 काे सीएम की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में बर्खास्त करने का निर्णय लिया गया था।
हाईकोर्ट ने सरकार काे आदेश दिया है कि डॉ लाल को पुनः सेवा में बहाल करें। सरकार ने डाॅ लाल के मामले में पहले देर की। उनके सेवानिवृत हाेने के समय सरकार ने उन्हें बर्खास्त कर दिया जाे गलत है। डाॅ एके लाल ने अप्रैल 2022 में झारखंड हाईकोर्ट में सरकार के खिलाफ केस दर्ज किया था। हाईकोर्ट के न्यायाधीश रंजन मुखोपाध्याय की बेंच में मामले की सुनवाई हुई। इसके बाद आदेश उनके पक्ष में आया। डॉ लाल की ओर से पूर्व महाधिवक्ता अजीत कुमार ने हाईकाेर्ट में पैरवी की।
मालूम हो कि इससे पहले डाॅ एके लाल के खिलाफ बिहार विस चुनाव में झंझारपुर से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ने का मामला 15 सालाें तक चला। उन्हाेंने चुनाव हाजीपुर में डाॅक्टर रहते लड़ा था। जांच में आया था कि उन्होंने चुनाव आयाेग काे अधूरी जानकारी चुनाव लड़ा था, जाे आयाेग की गाइडलाइन के खिलाफ है।
अब 2024 तक करेंगे नाैकरी : डाॅ एके लाल
डाॅ एके लाल ने कहा कि राज्य सरकार के पुराने प्रावधानाें के तहत वे नवंबर 2022 में सेवानिवृत्त हाे जाते। मगर मार्च में ही बर्खास्त कर दिया गया। लेकिन नए प्रावधानाें के तहत सरकार ने झारखंड में डाॅक्टराें की सेवानिवृत की आयु 65 साल तय की है। ऐसे में अब हाईकाेर्ट के आदेश के बाद पुन: बहाल हाेने पर वह 2024 तक नाैकरी कर सकेंगे।
पूर्व महाअधिवक्ता अजीत कुमार भी सरयू राय के खिलाफ नाराजगी
पूर्व महाअधिवक्ता अजीत कुमार ने डाॅ एके लाल के केस की पैरवी इसलिए की कि जब सरयू राय खाद्य आपूर्ति मंत्री थे, तब झारखंड स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष सह सरकार के महाअधिवक्ता के पद पर अजीत कुमार थे। सरयू राय ने महाअधिवक्ता पर हाईकाेर्ट में सरकार की ओर से गलत तथ्य रखने का आराेप लगाया था। जिस पर अजीत कुमार ने स्टेट बार काउंसिल की बैठक में सरयू राय के खिलाफ नाेटिस जारी कर दिया था।
इस नाेटिस के विराेध में सरयू राय ने अजीत कुमार के खिलाफ माेर्चा खाेला था और उन्हें महाअधिवक्ता पद से हटाने की मांग सरकार से की थी। विवाद बढ़ता चला गया, हालांकि बाद में सरयू राय के खिलाफ स्टेट बार काउंसिल ने नाेटिस वापस ले लिया। लेकिन अजीत कुमार व सरयू राय के बीच मतभेद अंत तक रहा। डाॅ लाल ने इसलिए केस में पूर्व महाअधिवक्ता अजीत कुमार काे पैरवी के लिए रखा, क्याेंकि सरयू राय से अजीत कुमार की दूरियां है।
सरयू राय ने कहा… जजमेंट देखने के बाद बाेल पाएंगे
सरयू राय ने कहा कि डाॅ एके लाल के मामले में हाईकाेर्ट में किस प्रकार झारखंड सरकार ने पक्ष रखा है। इसे देखना पड़ेगा। जब तक हाईकाेर्ट का जजमेंट नहीं देखूंगा कुछ भी टिप्पणी करना सही नहीं हाेगा।
क्या है पूरा मामला
डॉ एके लाल के खिलाफ विधायक सरयू राय ने सरकारी पद पर रहते हुए बिहार के झंझारपुर विस से 2005 में सपा के टिकट पर चुनाव लड़ने का मामला उठाया था। सरयू राय का कहना था कि सरकार की जांच में डॉ एके लाल के सरकारी पद पर रहते हुए चुनाव लड़ने का उल्लेख है। विभाग ने जांच में डाॅ लाल काे दोषी ठहराया था। स्वास्थ्य विभाग ने डाॅ एके लाल की बर्खास्तगी की अनुशंसा की थी। मार्च 2022 में झारखंड सरकार ने डॉ एके लाल को सेवा से बर्खास्त कर दिया।
कब क्या हुआ
22 अक्टूबर 2019 – स्वास्थ्य विभाग ने चुनाव लड़ने के मामले में जांच काे सही ठहराया। 29 नवंबर 2021 – में विस में डाॅ एके लाल पर सरकार की ओर से दाेष साबित हाेने पर कार्रवाई नहीं किए जाने का मामला स्पीकर के समक्ष तउठाया। 15 मार्च 2021 को जेपीएससी के सचिव हिमांशु मोहन ने स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव विद्यानंद शर्मा पंकज को पत्र भेजकर डॉ एके लाल की बर्खास्तगी पर सहमति दी।
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