देशभर से 5 लाख से अधिक मजदूर और किसान दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं
केंद्र सरकार की जन विरोधी, कॉरपोरेट परस्त , विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ भारतीय ट्रेड यूनियन केन्द्र (सीटू), किसान सभा और खेतिहर मजदूर यूनियन के आह्वान पर 5 अप्रैल को दिल्ली में विशाल “मजदूर किसान संघर्ष रैली” का आयोजन किया जायेगा।
इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए सीटू, झारखंड राज्य कमेटी के महासचिव कॉमरेड विश्वजीत देब ने कहा कि जीवन, आजीविका, अधिकारों और कल्याणकारी योजनाओं पर हो रहे हमलों के खिलाफ, ट्रेड यूनियनों और किसान संगठनों के लंबे समय से चले आ रहे स्वतंत्र और एकजुट संघर्षों के बावजूद केंद्र सरकार के असंवेदनशील और उदासीन रवैये, मजदूरों और किसानों को अपने संघर्षों को तेज करने के लिए मजबूर कर दिया है। इसी क्रम में, भारतीय ट्रेड यूनियन केन्द्र (सीटू), किसान सभा और खेतिहर मजदूर यूनियन के आह्वान पर 5 अप्रैल को “मजदूर किसान संघर्ष रैली” के लिए देशभर से 5 लाख से अधिक मजदूर और किसान दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं।
वैकल्पिक नीति की मांगों को लेकर पिछले दो महीने से देशव्यापी प्रचार अभियान चलाया जा रहा है
इस रैली की तैयारी के क्रम में “जनता बचाओ- देश बचाओ” के नारे के साथ वैकल्पिक नीति की मांगों को लेकर पिछले दो महीने से देशव्यापी प्रचार अभियान चलाया जा रहा है। कोल्हान क्षेत्र से भी तीनों संगठनों के लगभग 1000 सदस्यों के रैली में भाग लेने के अलावा , संगठनों के सदस्यों ने , रैली के मुद्दों और मांगों के बारे में गहन प्रचार कर रहे हैं, इस प्रक्रिया में पूरे कोल्हान क्षेत्र में पर्चे, पोस्टर,पदयात्रा, नुक्कड़ सभा, रैली, बैठकें, जत्थे, जुलूसों और घर-घर जाकर प्रचार के माध्यम से करीब एक लाख लोगों से संपर्क किया गया है।
आजादी के बाद से अब तक की देश की जनता की सबसे खराब स्थिति
सीटू के राज्य महासचिव कॉमरेड विश्वजीत देब ने कहा कि कॉरपोरेट मित्रों को ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ सुनिश्चित करने की चुनाव पूर्व प्रतिबद्धता सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार मजदूर किसान सहित तमाम मेहनतकश जनता का दमन, शोषण एवं वंचना के माध्यम से अपने मुट्ठी भर साथियों के लिए ‘अमृतकाल’ यानी “अच्छे दिन ” सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। प्रायोजित मुनाफाखोरी ,उच्च जीएसटी एवं उत्पाद शुल्क दर के कारण भारी मुद्रास्फीति के साथ-साथ अभूतपूर्व बेरोजगारी आम जनता के दुखों को, आजादी के बाद से अब तक की सबसे खराब स्थिति में खड़ा कर दिया है।
मनरेगा परियोजना को खत्म करने का साजिश
उन्होंने कहा कि न्यूनतम मजदूरी, आठ घंटे कार्य दिवस, संगठित होने ,ट्रेड यूनियन गतिविधि करने, सामूहिक सौदेबाजी जैसे श्रमिकों के मौजूदा कानूनी अधिकारों तथा सामाजिक सुरक्षा कवरेज को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ प्रयास जारी है। किसानों के ऐतिहासिक संघर्ष के दौरान लाभकारी मूल्य की गारंटी सहित किसान संगठनों के साथ हुए लिखित समझौते को पूरी तरह नकार दिया गया है। रोजगार की गारंटी सुनिश्चित करने वाले मनरेगा परियोजना को खत्म करने का साजिश को जारी रखते हुए शहरी रोजगार गारंटी योजना की मांगों को ठुकराया जा रहा है।
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कॉरपोरेट्स को खुलेआम कानूनों का उल्लंघन करने दिया जा रहा है
भोजन, स्वास्थ्य ,शिक्षा के मद में बजटीय आवंटन में लगातार कटौती करते हुए कल्याणकारी योजनाओं को खत्म करने की सुनियोजित प्रयास की जा रही है। कॉरपोरेट्स को खुलेआम कानूनों का उल्लंघन करने दिया जा रहा है, उनके ऋण माफ किए जा रहे हैं, कर कम किए जा रहे हैं और राष्ट्रीय संपत्ति और सार्वजनिक उद्यमों को उपहार में दिया जा रहा है, सरकार द्वारा प्रायोजित ये सभी पहल एक ओर हमारे देश में अरबपतियों का नया समूह बना रही हैं और दूसरी ओर भारत के धन उत्पादक वर्ग यानी श्रमिक, किसान और कृषि श्रमिक का आय में लगातार गिरावट आ रही है।
लोकतांत्रिक आंदोलनों पर लगातार हो रहे हमले
इन सब के अलावा जनहित के प्रति उदासीन एवं संवेदनहीन केंद्र सरकार के कॉरपोरेट्स तुष्टीकरण के रवैये के खिलाफ जब-जब जनवादी विरोध में उभार आता है तब- तब विरोध को दबाने के लिए सत्तावादी हथकंडे और विभाजनकारी षड़यंत्रों के जरिए लोकतांत्रिक आंदोलनों पर हमले किए जा रहे हैं। भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में, देश की आजादी के बुनियादी मूल्यों जो हमारे संविधान के प्रस्तावना का भी सार है जैसे, राष्ट्रीय एकता ,अखंडता , संप्रभुता , आत्मनिर्भरता, लोकतांत्रिक मूल्य, सामाजिक न्याय ,समानता ,धर्मनिरपेक्षता और कल्याण की नीतियां आदि पर विनाशकारी हमले हो रहे हैं।
अपील
“मजदूर किसान संघर्ष रैली संयुक्त प्रचार समिति” की ओर से, “देश बचाओ और जनता बचाव” के मुहिम की इस पहल के प्रति तमाम देश प्रेमी, जनवाद पसंद आवाम से समर्थन की अपील की गई है तथा आम जनता के सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन को सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक नीति के लिए संघर्ष में भागीदारी ,एकजुटता और समर्थन का अपील किया गया ।
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शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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