कृषि शुल्क विधेयक के विरोध में बुधवार से राज्य के 1.5 लाख खाद्यान्न व्यवसायी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। इस दौरान राज्य की सभी कृषि मंडियों में खाद्य वस्तुओं की आवक-जावक पूरी तरह से बंद रहेगी। साथ ही फल एवं सब्जी मंडी की थोक दुकानें भी बंद रहेंगी।
15 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल
झारखंड चैंबर के अध्यक्ष किशोर मंत्री ने मंगलवार को चैंबर भवन में 15 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा करते हुए कहा कि इस फैसले से राज्य में खाद्य वस्तुओं की उपलब्धता प्रभावित होगी। इससे आने वाले दिनों में उपभोक्ताओं को परेशानी भी होगी, लेकिन विधेयक के प्रभावी होने से खाद्य वस्तुओं की कीमतें बढ़ेंगी। साथ ही इंस्पेक्टर राज को प्रोत्साहन मिलने की प्रबल आशंका है।
उपभोक्ताओं को महंगाई से बचाना लक्ष्य
उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को महंगाई से बचाने के लिए यह निर्णय लेना हमारी मजबूरी है। हम अपना व्यापार बंद करने के लिए विवश हैं। आम जनता होने वाली परेशानी के लिए हमें माफ करे। चैंबर के मुताबिक इस दौरान राइस मील, फ्लॉवर मील सहित अन्य खाद्य उत्पादक भी अपने प्लांट से बिक्री बंद रखेंगे। उन्होंने कहा कि इस हड़ताल का राइस मिलर्स एसोसिएशन, खाद्यान्न व्यवसायी संघ, यूनियन संघ एवं कृषक संगठनों ने भी समर्थन किया है।
व्यापारियों और किसानों को किया परेशान
डेली मार्केट दुकानदार संघ के पदाधिकारी हाजी जावेद ने कहा कि एक अनावश्यक कानून थोपकर व्यापारी और किसानों को परेशान किया जा रहा है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में चैंबर उपाध्यक्ष अमित शर्मा सहित आलू-प्याज थोक विक्रेता संघ, वनोपज व्यवसायी संघ के अलावा कई मार्केट के दुकानदार मौजूद थे।
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