संस्था से लगभग 800 कृषक सीधे तौर से जुड़े हैं
बिष्टुपुर स्थित उद्यान नर्सरी में राज्य का तीसरा जैविक उत्पादन विपणन केन्द्र का उद्घाटन किया गया । इस अवसर पर विशेष अतिथि निदेशक डीआरडीए, पूर्वी सिंहभूम सौरभ सिन्हा, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, ओफाज, जिला कृषि पदाधिकारी, अनुमण्डल उद्यान पदाधिकारी, अन्य पदाधिकारी, कर्मचारी एवं कृषक मौजूद रहे । जैविक उत्पादन विपणन केन्द को जीतवाहन फामर्स प्रोड्यूस कम्पनी लिमिटेड, पूर्वी सिंहभूम के द्वारा संचालित किया जायेगा। इस संस्था से लगभग 800 कृषक सीधे तौर से जुड़े हैं तथा प्रथम फेज में इनके द्वारा सप्लाई-चेन के मार्फत से राज्य में जैविक विधि से खेती कर रहे लगभग 5000 किसानों से जैविक उत्पाद प्राप्त करने का लक्ष्य है।
अगले फेज में और अधिक किसानों का जोड़ा जाएगा। इस विपणन केन्द्र से उपभोक्ताओं को विषमुक्त खाद्य पदार्थ सुलभ हो सकेगा एवं पौष्टिक खाद्य पदार्थ के साथ साथ कृषकों को उनके जैविक उत्पाद का उचित मूल्य प्राप्त हो सकेगा। यह विपणन केन्द्र कृषकों की आय को बढ़ाने में सहायक सिद्व होगा।
झारखण्ड में जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से…
मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, ओफाज ने बताया कि कृषि कार्य में रसायनों के बढ़ते इस्तेमाल से जहां भू-गर्भीय जल स्त्रोतों एवं प्रवाही जल स्त्रोंतों में रसायनिक प्रदूषक फैल रहा है वहीं दूसरी ओर विषैले रसायन युक्त खाद्यान्न से कष्ट साध्य एवं आसाध्य रोगों के मामले बढ़ रहे हैं। उन्होने बताया कि झारखण्ड में जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केन्द्र प्रायोजित परम्परागत कृषि विकास योजना एवं राज्य योजना अन्तर्गत विभिन्न तरह की योजनाएं संचालित की जा रही है । राज्य में विषैले रसायनमुक्त, विशुद्ध पद्धति से उगाए गए कृषि उत्पादों की मांग है परन्तु विश्वसनीय, प्रमाणित जैविक उत्पादों हेतु विपणन केन्द्र नहीं थे। राज्य के तृतीय जैविक उत्पादन विपणन केन्द्र में जैविक विधि द्वारा उपजाई गई प्रमाणीकृत सब्जियों, दलहन, तेलहन, मसालों का विक्रय किया जायेगा।
स्वस्थ जीवन हेतु रसायनमुक्त जैविक कृषि की ओर बढ़ना जरूरी
जिला कृषि पदाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि जैविक उत्पादों के प्रति लोगों में काफी मांग देखी गई है। जैविक उत्पादों की मांग को देखकर किसानों के चेहरे पर भी काफी खुशी नजर आयी एवं किसानों ने जैविक खेती को बढ़ावा देने का संकल्प लिया। स्वस्थ जीवन हेतु रसायनमुक्त जैविक कृषि की ओर बढ़ना जरूरी है। राज्य का तृतीय जैविक कृषि उत्पाद विपणन केन्द्र की स्थापना, सुरक्षित खाद्दान्न उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा ।
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शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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