कृषि कानून निरसन विधेयक लोकसभा में पारित होने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत किसानों की अन्य मांगों को लेकर अड़े हुए हैं. उनके बयानों की वजह से सरकार की चिंता बढ़ गई है.
टिकैत ने आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए मुकदमें वापस लेने और एमएसपी गांरटी कानून समेत अन्य मांगे रखी हैं और साथ ही तमाम मुद्दों को लेकर सरकार से बातचीत पर जोर दिया है.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री टिकैत ने अपना पक्ष रखते हुए कहा, “50-55 हज़ार मुकदमें, जो आंदोलन के दौरान दर्ज़ हुए हैं, वे वापस लिए जाएं, MSP गारंटी क़ानून बनें, जिन किसानों ने जान गंवाई है, उन्हें मुआवजा मिले, जो ट्रैक्टर बंद हैं, उन्हें ट्रैक्टर दिए जाएं. अब ये हमारे मुख्य मुद्दे हैं. सरकार को बातचीत करनी चाहिए.”
किसानों की बैठक 4 दिसंबर को
इससे पहले टिकैत ने लोकसभा में कृषि कानून निरसन विधेयक पारित होने के बाद किसानों की घर वापसी को अफवाह बताते हुए कहा कि MSP और किसानों पर मुकदमा वापस किए बिना कोई किसान यहां से नहीं जाएगा. उन्होंने बताया कि 4 दिसंबर को किसानों की निर्धारित बैठक होगी.
दरअसल, कृषि कानून निरसन विधेयक पारित होने के बाद भी किसानों का गाजीपुर, सिंघु, शाहजहांपुर और टीकरी बार्डर पर आंदोलन जारी है. जोकि केंद्र की मोदी सरकार के लिए चिंता का गंभीर विषय बना हुआ है. हालांकि कानून वापसी के ऐलान पर राकेश टिकैट ने कहा था कि कानून वापस होते ही आंदोलन खत्म कर दिया जाएगा. राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक अभी भी आंदोलन का जारी रहने के कई मायने हो सकते हैं. टिकैत के अनुसार अभी नहीं, तो फिर कभी नहीं. मौका और दस्तूर भी है. देश के कई राज्यों में जल्द ही चनाव होने वाले हैं. ऐसे में सरकार को घुटनों पर लाना ज़रा आसान होगा.
शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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