मोबाइल और सोशल नेटवर्किंग साइट लोगों के दांपत्य जीवन में जहर घोल रहे हैं। लगातार मोबाइल व सोशल साइट पर बने रहना विवाहितों के तलाक का बड़ा कारण बनता जा रहा है। पूर्वी सिंहभूम में वर्ष 2022 में अबतक तलाक के आवेदन 1000 के करीब पहुंचने वाले हैं। इसमें 55% मामले ऐसे हैं, जिनका कारण मोबाइल फोन और सोशल मीडिया रहा। यह बात उनके तलाक के लिए दिए गए आवेदन से जाहिर हो रही है। तलाक के मामलों को देखने वाले प्रमुख अधिवक्ताओं की मानें तो परिवार में बिखराव की वजह मोबाइल बन रहा है। रिश्तो में टूट का कारण भी यही है। सोशल मीडिया इनके बीच और दूरी पैदा करता है। लगातार पत्नी या पति दोनों के घर में रहते हुए भी फोन पर ही रहते हैं।
मोबाइल से बात करने के आरोप-प्रत्यारोप को लेकर बड़ा आकार ले लेता
कभी-कभी फोन पर किसी से बात करना और विशेष रूप से छिपकर बात करना शक की गुंजाइश पैदा करता है। यही शक की गुंजाइश वैवाहिक जीवन में खटास पैदा करता है। छोटा सा कोई भी विवाद मोबाइल से बात करने के आरोप-प्रत्यारोप को लेकर बड़ा आकार ले लेता है। नौबत अलगाव तक आ जाती है। उसके बाद परिस्थितियां तलाक पर आकर रुकती हैं। अधिवक्ताओं के अनुसार, तलाक के आवेदनों में चरित्रहीनता या फिर किसी पराए या पराई से संबंधों का जो आरोप लगता है, उसका आधार मोबाइल फोन को ही बनाया जाता है। हम यदि आंकड़ों की बात करें तो पिछले वर्ष अदालत में तलाक के जो आवेदन आए थे, उसकी संख्या 934 थी। लेकिन, उसके बाद अब लगातार उसमें वृद्धि हो रही है।
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