
*विज्ञान महज एक विषय नहीं है, बल्कि यह जीवन पद्धति- सौमित्र बनर्जी*
रांची के पुरुलिया रोड स्थित सत्य भारती सभागार में आज 4 दिसंबर को ब्रेकथ्रू साइन्स सोसाइटी का दूसरा झारखंड राज्य सम्मेलन आयोजित किया गया। इस मौके पर संगठन के अखिल भारतीय महासचिव और भटनागर अवार्ड विजेता प्रो. (डॉ) सौमित्र बनर्जी मुख्य वक्ता के रूप में रहे। उन्होंने कहा कि विज्ञान महज एक विषय नहीं है, बल्कि यह जीवन पद्धति हैं। विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में अद्भुत विकास हुआ। विज्ञान की मदद से आज मनुष्य अंतरिक्ष जा रहा है, शब्दों से तेज गति कर रहा है, परमाणुओं को तोड़ रहा है, भयंकर बीमारियों को परास्त कर रहा है। फिर भी जिन बीमारियों का इलाज सुलभ है बड़ी संख्या में लोग उनसे मर रहे हैं, आधे पेट खाने को या भूखे सोने को विवश है।
*विज्ञान का सही तरीके से हो*
विज्ञान का सही तरीके से इस्तेमाल की कमी के कारण ये सारी समस्याएं हैं। इस सम्मेलन में विभिन्न विषयों को लेकर प्रस्ताव पारित हुए। जलवायु परिवर्तन अंधविश्वास डायन प्रथा , साइंस रिसर्च बजट चिंता जाहिर करते हुए प्रस्ताव पारित किया गया।
सभा को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय कमिटी के उपाध्यक्ष देवाशीष राय ने वैज्ञानिक सोच को फैलने को लेकर सभी से अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि आजादी के 75 वर्ष के बाद शुद्ध पेय जल से एक बड़ी आबादी महरूम है। आर्सेनिक प्रदूषण से देश की जनता के स्वास्थ पर बुरा असर पड़ रहा है।ब्रेकथ्रू साइंस सोसायटी ने इसको लेकर आंदोलन किया है। डॉ. किरण शुक्ला ने अंधविश्वास के विरोध में अपनी बात रखी।
आज के सम्मेलन में डॉ. अमिताभ बोस को अध्यक्ष और डॉ. कन्हाई को सचिव के रुप में चुना गया। लगभग 100 सदस्य राज्य कमिटी और काउंसिल में चुने गए।
अंत में एंटी साइंस पॉलिसी के खिलाफ में एक प्रदर्शन किया गया।विज्ञान सम्मेलन में झारखंड के विभिन्न जिलों से कई अन्य वैज्ञानिक, प्रोफेसर, शिक्षक और छात्र प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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