जिले में लगभग 11 लाख लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य, जिले के 1680 बूथों पर आज खिलाई गई डीईसी एवं अल्बेंडाजोल की दवा
2-15 दिसंबर तक घर – घर जाकर लोगों को खिलाई जाएगी दवा, लक्ष्य को पूरा करने के लिए विभाग ने तैयार की है रणनीति
फलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का शुभारंभ आज गुरुवार को समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में उपायुक्त (डीसी) -सह- अध्यक्ष जिला स्वास्थ्य समिति अरवा राजकमल , अपर उपायुक्त सुबोध कुमार, सिविल सर्जन डॉ. विजय कुमार , जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी सुनील सिंह आदि ने डीईसी की तीन गोलियों के साथ अल्बेंडाजोल के एक टैबलेट का सेवन कर जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की शुरूआत की।
Konkadasa Village Of Dalma | Village Of Santali And Munda People | Tribal Villages In Jharkhand |
फाईलेरिया का असर एक से दो दशक बाद दिखता है
मौके पर उपायुक्त ने फाईलेरिया मुक्त सरायकेला खरसावां जिला बनाने हेतु जिलेवासियों से एहतियातन सभी को डीईसी व अल्बेंडाजोल की दवा आयु वर्ग के अनुसार खाने के अपील की। उपायुक्त ने कहा फाईलेरिया (हाथी पांव) मच्छर के काटने से होने वाली बीमारी है। दवा खाकर ही हम इस बीमारी से बच सकते हैं। इस बीमारी के लिए दवा का सेवन करना इसलिए जरूरी है, क्योंकि इस बीमारी का इंफेक्शन तुरंत नहीं दिखता है। इसका असर एक से दो दशक बाद होता है। तब तक इसका उपचार लगभग संभव नहीं होता है। इसलिए दवा खिलाने के लिए सभी आंगनबाड़ी केंद्र, सभी स्वास्थ्य उप केंद्र, सभी स्वास्थ्य केंद्र, सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व विद्यालयों में कुल 1680 बूथ बनाया गया है। जहां आमजन जाकर दवा का सेवन कर सकते हैं।
जिले में लगभग 11 लाख 16 हजार लाभुकों को फाईलेरिया से बचाव हेतु दवा खिलाई जानी है-सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ. विजय कुमार ने फाईलेरिया उन्मूलन 2023 कार्यक्रम के सम्बन्ध मे जानकारी देते हुए बताया कि जिले में लगभग 11 लाख 16 हजार लाभुकों को फाईलेरिया से बचाव हेतु दवा खिलाई जानी है, जिसके लिए सभी दीदियों को प्रशिक्षण प्रदान कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि हर पंचायत के गाँव-गाँव, घर-घर निरीक्षण कर दीदियों के द्वारा हाइट एवं वजन के अनुसार दवा खिलाई जाएगी, उनका सहयोग करने व उनकी उपस्थिति में ही दवाई खाने की अपील की। डॉ विजय कुमार ने कहा कि यह दवा 2 साल से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को नहीं खिलाई जाएगी। यह दवा खाली पेट में नहीं खाई जा सकती है।
समाहरणालय सभागार में उपस्थित विभिन्न विभागों के पदाधिकारी/कर्मी एवं उपस्थित नागरिक आदि ने भी डीईसी की गोलियों के साथ अल्बेंडाजोल टैबलेट का सेवन किया। इसके अतिरिक्त जिले के सभी प्रखंड/अंचल कार्यालय समेत विभिन्न कार्यालयों मे कार्यक्रम आयोजित कर पदाधिकारी एवं कर्मियों को डीईसी की गोलियों के साथ अल्बेंडाजोल टैबलेट का सेवन किया गया।
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शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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