झारखंड : झारखंड में भूख से होने वाली मौतों की संख्या लगातार बढती जा रही है. भूख से होने वाली मौतों को देखते हुए झारखंड हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। हाई कोर्ट ने झारखंड सरकार से कहा कि वह ‘भूख से मौत’ को परिभाषित करे। हाईकोर्ट ने चार नवंबर को उक्त आदेश पारित किया। मालूम हो कि बोकारो में 42 वर्षीय भुक्खल घासी की मार्च 2020 में मृत्यु हो गई थी। अगले छह महीने के दौरान उनके बेटे और बेटी की भी मृत्यु हो गई थी। खाद्य सुरक्षा में काम करने वाले विशेषज्ञों ने इन मौतों को ‘भूख से होने वाली मृत्यु’ करार दिया था।
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इस तरह का हलफनामा दो हफ्ते में दाखिल कर दिया जाएगा
हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की पीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए हेमंत सोरेन सरकार से झारखंड में चलाई जा रही सभी कल्याणकारी योजनाओं और लक्षित लाभार्थियों पर कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। हाईकोर्ट ने 4 नवंबर को सुनवाई के दौरान कहा कि हमने कार्रवाई की रिपोर्ट देखी है। दो बातें स्पष्ट नहीं हैं। पहला लक्ष्य तय करने का तंत्र और दूसरा यह कि क्या राज्य सरकार की ओर से ‘भूख से मौत’ को किसी कानून या सर्कुलर के तहत परिभाषित किया गया है या नहीं…… हम उम्मीद करते हैं कि आपकी ओर से इस तरह का हलफनामा दो हफ्ते में दाखिल कर दिया जाएगा। लोगों को भूख से मरता देख झारखंड सरकार बहुत ज्यादा परेशान है.
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