मानगो पुलिस ने दंगा मामले में कांग्रेस नेता आफताब अहमद सिद्दीकी और उसके भाई शकील सिद्दीकी को गिरफ्तार कर लिया है. दोनों की गिरफ्तारी देर रात उनके मानगो स्थित घर से की गई. देर रात गिरफ्तारी के दौरान पुलिस को विरोध का सामना करना पड़ा. दोनों स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के करीबी बताए जा रहे हैं. मानगो में हुए दंगा मामले में दोनों को मुस्लिम एकता मंच के प्रतिनिधियों ने और दंगा करने के आरोप में नामजद किया गया था.
फेसबुक पर लाइव आकर जनता से अपनी बात रखी
मानगो में नगर निगम चुनाव को लेकर कांग्रेस के अंदर सरगर्मी तेज हो गई है. मेयर के पद पर चुनाव लड़ने के लिए कर कांग्रेस में बगावत हो गई है. मुस्लिम नेताओं ने बगावत कर दी है. यह बगावत स्वास्थ्य मंत्री व जमशेदपुर पश्चिम के विधायक बन्ना गुप्ता द्वारा अपनी पत्नी सुधा गुप्ता को मेयर के पद पर चुनाव लड़ाने के खिलाफ हुई है. मुस्लिम नेताओं का कहना है कि इस मुस्लिम बाहुल्य विधानसभा क्षेत्र से अगर विधायक मुस्लिम नहीं बन सकता तो कम से कम मेयर तो मुस्लिम हो सकता है. इसे लेकर कांग्रेस के नेता आफताब सिद्दीकी ने विरोध का झंडा बुलंद किया है. उन्होंने फेसबुक पर लाइव आकर जनता से खिताब किया और अपनी बात रखी.
सूत्र बताते हैं कि इसी के बाद मानगो थाना पुलिस एक पुराने मामले में कांग्रेस के नेता और कभी स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के दाएं बाएं चलने वाले आफताब सिद्दीकी को खोजने लगी. उनके घर पर छापे पड़ने लगे और आखिरकार मानगो थाना पुलिस ने आफताब सिद्दीकी और शकील सिद्दीकी को उठा लिया है. दोनों को जेल भेजने की तैयारी कर रही है. सूत्रों का कहना है कि मुस्लिम समुदाय में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा फैल रहा है. लोग सवाल उठा रहे हैं कि अगर आफताब सिद्दीकी ने यह मुद्दा उठाया तो क्या गलत कर दिया. उनको अगर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता उनकी बात से सहमति नहीं रखते थे तो उनको बुलाकर समझाना चाहिए था.
पुराने मामले में उठाया गया
साल 2017 में नगड़ी और राजनगर में लोगों की माब लिंचिंग के खिलाफ मानगो में धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया था. इस मामले में बवाल भी हुआ था. पथराव हुआ था. इसे लेकर, कहीं नेताओं के खिलाफ मानगो थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई थी. कुछ लोग जेल भेजे गए थे. इस मामले में आफताब सिद्दीकी का भी नाम था. 2017 से लेकर अब तक आफताब सिद्दीकी पहले भाजपा में थे. फिर कांग्रेस में आ गए और दोनों दलों में रहने के दौरान उन्होंने कई सभाओं में हिस्सा लिया.
स्वास्थ्य मंत्री के हर कार्यक्रम में नजर आते थे और उनके दाएं बाएं होते थे. डीसी ऑफिस के सामने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के भाई गुड्डू गुप्ता के साथ कई बार धरने पर बैठे. लेकिन, इन सालों के भीतर पुलिस ने कभी उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश नहीं की. ना ही उनके घर पर छापामारी हुई. लेकिन, मेयर के मुद्दे पर अपनी जबान खोलते ही. उनके खिलाफ पुलिस सक्रिय हो गई.
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