भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा जमशेदपुर पूर्वी के विधायक तथा पूर्व मंत्री सरयू राय के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत पर निगरानी विभाग से प्राथमिक जांच (पीई) करने की अनुमति मांगे जाने की खबरों को भ्रामक करार देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के करीबी किसी चौधरी की ओर इशारा किया है. साथ ही उन्होंने मीडिया को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा है कि प्रेम प्रकाश के नजदीकी निगरानी विभाग के चौधरी नाम के एक पूर्व बड़ा बाबू ने यह झूठी खबर फैलायी और कुछ न्यूज पोर्टलों और अखबारों ने बिना तथ्यों की पड़ताल किये इस खबर को प्रकाशित कर दिया.
पूर्व मंत्री ने कहा है कि आम लोग और मीडिया भ्रष्टाचारियों द्वारा फैलाये गये भ्रम का शिकार न बनें, बल्कि भ्रम फैलाने वालों से सवाल पूछे और इनका षड्यंत्रकारी चेहरा बेनकाब करें. इसीलिए वह तथ्यों को सबके सामने रख रहे हैं. हालांकि सरयू राय ने चौधरी के पूरे नाम का खुलासा नहीं किया किया है, लेकिन उसे रघुवर दास और प्रेम प्रकाश का करीबी तथा निगरानी विभाग का बड़ा बाबू रहा बताकर उस व्यक्ति के बारे में साफ संकेत दे दिया है.
पोर्टलों और अखबारों ने तथ्यों की पड़ताल किये बिना छापी खबर
सरयू राय ने कहा है कि दो दिन पहले कतिपय न्यूज पोर्टलों ने “सरयू राय की मुश्किलें बढ़ीं” शीर्षक से खबरें लगायीं. उन्होंने प्रसारित किया कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने टेल्को, जमशेदपुर के किसी जी कुमार द्वारा लगाये गये भ्रष्टाचार के चार आरोपों को प्रथमदृष्ट्या सही मानकर सरयू राय के विरूद्ध निगरानी विभाग से प्राथमिक जांच (पीई) करने की अनुमति मांगी है. प्रमुख अखबारों ने भी तथ्यों की पड़ताल किये बिना यह खबर छाप दी. उन्होंने कहा है कि जब उन्होंने निगरानी विभाग से पता किया तो मालूम चला कि निगरानी विभाग में बड़ा बाबू रहे जमशेदपुर के एक भ्रष्टाचार समर्थक और रघुवर दास एवं हेमंत सरकार में समान रूप से भ्रष्टाचार का सिक्का चलाने वाले प्रेम प्रकाश के एजेंट ने यह झूठी खबर फैलायी है.
चुनाव में धूल चाटने के बाद अहंकारी ताकतें लगा रही आरोप
सरयू राय ने कहा – ‘हुआ यूं कि जिन अहंकारी ताकतों को जमशेदपुर की जनता ने पिछले चुनाव में धूल चटा दी थी, उन्होंने टेल्को के किसी जी कुमार से वही आरोप निगरानी विभाग सहित दर्जनों जगहों पर भिजवाये, जिसे वे जुलाई 2021 में राज्यपाल से मिलकर दे चुके थे. निगरानी विभाग ने ये आरोप एसीबी के पास भेज दिये. एसीबी ने गोपनीय जांच में जी कुमार को बुलाकर पूछा, तो उसने मेरे विरुद्ध दिये गये आरोप पत्र में सरकारी संचिकाओं की फोटो कॉपियां एसीबी अधिकारियों को दी.
फोटो कॉपियों को फाइल से मिलान करने के लिए मांगी है पीई की अनुमति
बकौल सरय राय. एसीबी ने निगरानी विभाग को यही लिखा है कि जी कुमार ने संचिकाओं के जिन पन्नों की फोटो कॉपियां दी हैं उनका मिलान मूल संचिकाओं से करने के लिए गोपनीय नहीं, बल्कि खुली जांच करनी होगी और संबंधित विभागों में निगरानी विभाग का आदेश लेकर जाना होगा. इसके लिए पीई करना होगा. यदि निगरानी विभाग चाहता है तो पीई दर्ज करने की अनुमति दे सकता है. विधायक ने कहा है कि एसीबी और निगरानी विभाग के बीच हुए इसी पत्राचार को मंत्रिमंडल निगरानी विभाग में बड़ा बाबू रह चुके रघुवर दास के करीबी जमशेदपुर के एक चौधरी ने तिल का ताड़ बना दिया. मुझपर भ्रष्टाचार बम फोड़ दिया.
प्रेस और मीडिया के सामने मसालेदार, चटपटी खबर बनाकर पेश कर दिया. इनके झांसे में आकर प्रेस मीडिया ने इसे प्रमुखता से प्रसारित किया और हेडलाइन दिया कि सरयू राय की मुश्किलें बढ़ीं. जमशेदपुर के दरबारियों ने इसपर प्रेस कांफ्रेंस कर दिया. मुझे जेल भिजवाने का बड़बोलापन करने लगे. शीशे के घर में रहनेवाले दूसरे के घर पर पत्थर फेंकने लगे. जनता में भ्रम फैलाने लगे और जमशेदपुर के असामाजिक गिरोह इस मामले में एक प्लेटफ़ार्म पर आ गये. सरयू राय ने आम लोगों तथा मीडिया से भ्रम का शिकार नहीं बनने का आग्रह किया है.
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