देश में ग्रामीण इलाकों में शहरी इलाकों के मुकाबले बेरोजगारी बढ़ी हुई है। इससे अक्तूबर में देश में बेरोजगारी दर बढ़कर 7.77 फीसदी पर पहुंच गई। इसमें से शहरी इलाकों में बेरोजगारी 7.21 और ग्रामीण इलाकों में यह 8.4 फीसदी पर रही। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी यानी सीएमआईई की रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
देश के नौ राज्यों में राष्ट्रीय औसत के मुकाबले ज्यादा बेरोजगारी रही। झारखंड, बिहार और हरियाणा में यह दहाई अंकों में है। 25 में से छह राज्यों में यह दोहरे अंकों में है। पिछले छह माह में देश में बेमौसम बारिश, वैश्विक राजनीतिक हालात और ब्याज दरें बढ़ने से उत्पादन में गिरावट आदि प्रमुख कारण हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल जिस तरह उपभक्ताओं ने उपभोक्ता सामान और वाहन के अलावा सोने की खरीदारी जिस उत्साह से की है उससे आने वाले दिनों में उद्योग का भरोसा बढ़ सकता है। ऐसा होने पर रोजगार के अवसर बढ़ सकते हैं।
बिहार-झारखंड में राष्ट्रीय औसत से अधिक
अक्तूबर में बेरोजगारी दर बिहार, असम, हरियाणा, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, राजस्थान, तेलंगाना, और त्रिपुरा में राष्ट्रीय औसत से ज्यादा रही है। बिहार में बेरोजगारी 14.5, हरियाणा में 31.8, जम्मू-कश्मीर में 22.4 और झारखंड में 16.5 फीसदी है।
यूपी-उत्तराखंड में रोजगार के हालात बेहतर
सीएमआईई की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक बेरोजगारी दर के मामले में उत्तर प्रदेश, दिल्ली और उत्तराखंड में हालात बेहतर हैं। यूपी में यह 4.2, दिल्ली में 6.7 और उत्तराखंड में 3.4 फीसदी रही है। वहीं सबसे कम बेरोजगारी दर की बात की जाए तो इस मामले में 0.8 फसदी के साथ मध्य प्रदेश और 0.9 फीसदी के साथ छत्तीसगढ़ निचले पायदान पर हैं यानी यहां रोजगार के हालात बेहतर हैं।
कहां कितनी बेरोजगारी दर-
बिहार 14.5
असम 8.1
हरियाणा 31.8
हिमाचल 8.6
जम्मू-कश्मीर 22.4
झारखंड 16.5
राजस्थान 30.7
तेलंगाना 8.8
त्रिपुरा 10.5
यूपी 4.2
दिल्ली 6.7
उत्तराखंड 3.4
छत्तीसगढ़ 0.9
(आंकड़े फीसद में, स्रोत सीएमआईई)
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