झारखंड से एक बड़ी बात सियासी हलचल को लेकर सामने आ रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अवैध खनन मामले को लेकर सामने आई है. मुख्यमंत्री को ईडी द्वारा मनी लाउंड्रिंग और अवैध खनन मामले में समन जारी किए जाने के बाद झारखंड में सियासी हलचल तेज हो गई है। इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। 11 नवंबर को झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा। इसमें 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीयता लागू करने संबंधी विधेयक को पारित किया जाएगा। गौरतलब है कि सरकार की ओर से विशेष सत्र बुलाने और उसमें 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति लागू करने की घोषणा ऐसे वक्त में की गई है जबकि ईडी ने मनी लाउंड्रिंग और अवैध खनन मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समन जारी किया है।
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सरकार ने 1932 के आधार पर झारखंड की स्थानीयता निर्धारित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी
सीएम को ईडी ने 3 नवंबर को दिन के साढ़े 11 बजे रांची स्थित जोनल ऑफिस में तलब किया है। गौरतलब है कि बीते 14 सितंबर को हुई कैबिनेट की बैठक में हेमंत सरकार ने 1932 के आधार पर झारखंड की स्थानीयता निर्धारित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इसी दिन 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण लागू करने संबंधी प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई थी।
हालांकि, इसके पहले बजट सत्र की समाप्ति के दिन अपने संबोधन में 23 मार्च 2022 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि झारखंड में 1932 के आधार पर स्थानीयता लागू नहीं की जा सकती। बता दें कि झारखंड में लंबे समय से 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति और इसी स्थानीय नीति के आधार पर नियोजन नीति बनाने की मांग चल रही है। 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीयता लागू करने की घोषणा को लेकर सामने आई है.
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