छठ पर होने वाले कार्यक्रमों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के संरक्षण वाली सूर्य मंदिर कमेटी और सरयू राय संरक्षण वाली कमेटी के सदस्यों के बीच शुक्रवार रात मारपीट की घटना से अचानक लौहनगरी का सियासी पारा चढ़ गया है। शनिवार सबह एक बार फिर से सूर्य मंदिर के पास तनातनी की स्थिति बनी थी। इसकी तपिश से भाजपा और भारतीय जनतंत्र मोर्चा (भाजमो) तो तप ही रहे हैं, इसकी आग में कांग्रेस भी कूद पड़ी है।
दोषियों पर कार्रवाई की मांग
बेंगलुरू से शनिवार दोपहर पहुंचे सरयू राय ने घायल नेताओं से टीएमएच में जाकर मुलाकात की और हमलावरों की पहचान पर जोर दिया है। जबकि कांग्रेसी नेताओं ने घटना के दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। दरअसल सरयू राय और रघुवर दास के संबंध कभी भी मधुर नहीं रहे। तल्खी तो इनके संबंधों में समय-समय पर दिख ही जाती थी। तब भी जब रघुवर सीएम और सरयू उनकी कैबिनेट में मंत्री थे। परंतु जब तक सरयू राय भाजपा में थे, तब तक संबंध इतने भी खराब नहीं हुए कि इनके समर्थकों में मारपीट की नौबत आये।
हालांकि विगत विधानसभा चुनाव में वीटो लगाकर सरयू राय का टिकट कटवाना, रघुवर दास और खास तौर से भाजपा को महंगा पड़ गया। रघुवर दास पांच बार की अपनी जीती हुई सीट सरयू राय के हाथों अप्रत्याशित ढंग से गंवा बैठे। इस सीट पर चुनावी तपिश का असर कोल्हान सहित पूरे राज्य में महसूस किया गया। भाजपा सत्ता गंवा बैठी। तभी से दोनों पक्षों के बीच सियासी दुश्मनी बढ़ गई है। हार के बाद रघुवर तो सरयू राय के प्रति प्रतिक्रिया देने से बचते रहे, परंतु सरयू राय ने रघुवर सरकार के समय के मुद्दों को उठाना बंद नहीं किया।
वर्चस्व के खिलाफ उनकी मुहिम का ही नतीजा
टाउन हॉल पर रघुवर समर्थकों के वर्चस्व के खिलाफ उनकी मुहिम का ही नतीजा है कि अब जिला प्रशासन ने मंदिर छोड़, बाकी परिसर को अपने कब्जे में ले लिया है। शुरुआत चिल्ड्रेन पार्क से हुई थी, जिसे बनाया तो सरकारी पैसे से गया था, पर उसके टिकट का पैसा रघुवर समर्थक वसूल रहे थे। सरयू के हस्तक्षेप पर सबसे पहले उसे ही जमशेदपुर अक्षेस ने अपने कब्जे में लिया था।
अब टाउन हॉल, सोन मंडप, यात्री निवास आदि की बुकिंग भी जमशेदपुर अक्षेस के पास पहुंच चुकी है। इन घटनाओं ने निश्चित रूप से रघुवर और उनके समर्थकों को निराश किया है। कल जब रघुवर दास के स्टेज के सामने भाजमो नेताओं ने अपना केनोपी लगाया तो इसने रघुवर समर्थकों को विचलित कर दिया और घटना हमले और मारपीट तक पहुंच गई। इस मामले में पूर्व सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. अजय कुमार ने घटना की निंदा करते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि छठ पर्व पर भी भाजपा की गुंडागर्दी बंद नहीं होती।
विवाद के बाद रघुवर गुट ने बदला कार्यक्रम स्थल
छठ पर होने वाले कार्यक्रमों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के संरक्षण वाली सूर्य मंदिर कमेटी और सरयू राय संरक्षण वाली कमेटी के सदस्यों के बीच शुक्रवार रात मारपीट के बाद सिदगोड़ा टाउन हॉल परिसर में ताला जड़ दिया गया। इसके बाद रघुवर दास वाली कमेटी ने भजन संध्या के लिए कार्यक्रम स्थल में परिवर्तन कर दिया। अब भजन संध्या का कार्यक्रम सूर्य मंदिर परिसर के शंख मैदान में होगा।
डीसी को मनाने में विफल रहे रघुवर, नहीं मिली अनुमति
सियासी घमासान से मारपीट तक का अखाड़ा बने टाउन हॉल मैदान में कार्यक्रम की अनुमति हासिल करने में पूर्व मुख्यमंत्री और सूर्य मंदिर छठ घाट समिति के संरक्षक रघुवर दास विफल रहे। अंतिम प्रयास के तौर पर शनिवार को सर्किट हाउस में डीसी विजया जाधव और धालभूम के अनुमंडल पदाधिकारी पीयूष सिन्हा के साथ रघुवर दास की हुई बैठक विफल रही।
हमलावर की पहचान कर लगाएंगे फोटो
सूर्य मंदिर परिसर में हिंसक झड़प में घायल हुए भाजमो नेताओं का हाल जानने विधायक सरयू राय शनिवार को टीएमएच पहुंचे। वहां भर्ती पार्टी के सारे नेताओं से विधायक मिले और उनसे घटना की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जब सारे लोग अस्पताल से बाहर आएंगे,तब वीडियो देख हमलोग भी अपने स्तर से हमलावरों की पहचान करेंगे। पहचान नहीं होने पर मोहल्ले में फुटेज से हमलावरों के फोटो निकालकर लगाएंगे।
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