उच्च विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के पद पर सीधी नियुक्ति हेतु 2007 में ली गई थी परीक्षा
चाईबासा, 25 अक्टूबर- झारखंड में उच्च न्यायालय का आदेश भी नहीं मानते शिक्षा विभाग के आला अधिकारी। यह कहना है चाईबासा के रहने वाले एसबी सिंह का। इस सम्बन्ध में उन्होंने कई आंकड़े प्रस्तुत करते हुए बताया है कि झारखंड के उच्च विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के पद पर सीधी नियुक्ति हेतु विज्ञापन निकालकर 2007 में परीक्षा ली गई थी। इसमें चयनित 256 अभ्यर्थियों की मेधा सूची 2008 में निकालकर प्रोजेक्ट भवन, रांची में सब की काउंसिलिंग की गई, लेकिन 2009 में दूसरी मेधा सूची जारी कर दी गई, जिसमें पहले 13 और फिर 72 उम्मीदवारों ने अपने पद पर योगदान भी दे दिया।
11 वर्षों बाद 2019 में हाई कोर्ट का फैसला आया, पहली मेधा सूची वाले अभ्यर्थियों के पक्ष में
उन्होंने बताया है कि इस घालमेल से आक्रोशित पहली मेधा सूची में चयनित योग्य अभ्यर्थी हाईकोर्ट की शरण में चले गए। लगभग 11 वर्षों बाद 2019 में हाई कोर्ट का फैसला आया, पहली मेधा सूची वाले अभ्यर्थियों के पक्ष में। इस बीच नियुक्ति हेतु चयनित उम्मीदवारों ने शिक्षा मंत्री तथा मुख्यमंत्री से मुलाकात भी की। लिहाजा, आनन-फानन तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक जटाशंकर चौधरी ने 2021 में प्रथम मेधा सूची में चयनित उम्मीदवारों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से काउंसिलिंग की, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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कुछ उम्मीदवारों ने कोर्ट के आदेश की अवमानना का केस भी दर्ज किया था, लेकिन..
गौरतलब है कि हाईकोर्ट के 29 पृष्ठों के फैसले में हर पहलू पर विचार करते हुए पहली मेधा सूची में चयनित उम्मीदवारों को नियुक्त करने का स्पष्ट आदेश है। ऐसा न होता देख कुछ उम्मीदवारों ने कोर्ट के आदेश की अवमानना का केस भी दर्ज कर दिया, लेकिन चयनित उम्मीदवारों में से कुछ तो रिटायर हो चुके हैं और कुछ दिवंगत भी। बचे हुए उम्मीदवार भी नाउम्मीद हो चुके हैं। राज्य में प्रधानाध्यापकों के काफी पद रिक्त हैं, प्रभारी प्राचार्य नियुक्त किए गए हैं । उन्होंने कहा कि जन सरोकार से जुड़े इस मुद्दे को राज्य हित में मीडिया ही अंजाम तक पहुंचा सकता है।
शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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