पचंबा से अपहृत जमुआ की किशोरी की बरामदगी में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश हुआ है जिसके तार कई राज्यों से जुड़े हुए है. गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद कई चौंकाने वाले तथ्यों का खुलासा हुआ है. यह बात सामने आयी है कि यह गिरोह कई माह से दूसरे राज्यों में अपनी गतिविधियों तेज किये हुए है.
गिरोह के पकड़े गये सदस्यों ने पुलिस को बताया है कि बिहार व झारखंड से दो-दो बच्चियों का अपहरण उन्होंने अभी तक किया है. अपहरण कर बच्चियों को दूसरे राज्यों में शिफ्ट कर देता है. कई बच्चियों को तो शादी के बहाने बेच दिया जाता है, तो कुछ को काम दिलाने के बहाने अन्यत्र ले जाया जाता है.
दो बच्चियों को पुलिस ने कर लिया बरामद
चार बच्चियों में से दो को पुलिस ने बरामद कर लिया है. यह मामला तब उजागर हुआ जब गिरिडीह के शशांकबेड़ा की एक आदिवासी बच्ची को जबरन राजस्थान के एक उम्रदराज व्यक्ति से शादी करायी जा रही थी. भंडारीडीह गिरिडीह स्थित मीर होटल में इस गिरोह ने शादी की तैयारी की थी. इस शादी के लिए लड़के वालों से डेढ़ लाख रुपये की वसूली की गयी थी. लड़की के परिवार के कुछ सदस्यों को भी गुमराह कर उन्हें मामूली राशि देकर मुंह को बंद किया गया था. शादी की तैयारी चल ही रही थी, तभी इसकी भनक पुलिस को लग गयी. पुलिस ने होटल में छापा मारा और इस कांड में शामिल 12 लोगों को गिरफ्तार कर लिया.
रुपये नहीं मिलने के कारण जमुआ की बच्ची बिकने से बची
होटल मीर से गिरफ्तार गिरोह के सदस्यों से पुलिस ने पूछताछ शुरू की तो पचंबा से अपहृत जमुआ की किशोरी की जानकारी मिली. गिरोह के सदस्यों की निशानदेही पर पुलिस ने गया से बच्ची को बरामद कर लिया. मालूम हो कि 12 वर्षीय नाबालिग बच्ची का अपहरण पांच जुलाई को पचंबा से किया गया था. बच्ची पचंबा में रह कर पढाई कर रही थी.
पुलिस ने बताया कि बच्ची को राजस्थान ले जाने की योजना था. बच्ची को बेचने की पूरी तैयारी थी, लेकिन रुपये नहीं मिलने के कारण बच्ची को अपहर्ता वापस ले आये. बच्ची को पिछले ढाई माह से गया में रखा था और नये ग्राहक की तलाश की जा रही थी.
गिरोह के अन्य सदस्यों की शीघ्र होगी गिरफ्तारी : एएसपी
पुलिस ने गिरफ्तार किये गये गिरोह के सभी बारह सदस्यों को पूछताछ के बाद जेल भेज दिया. एएसपी हारिश बिन जमां ने बताया कि पचंबा से किशोरी के अपहरण के बाद एसपी के निर्देश पर एक विशेष टीम गठित की गयी थी. टीम के सदस्य कई दिनों से मीरा देवी और उसकी पुत्री प्रीति कुमारी पर नजर रखे हुए थे. जानकारी मिली मीरा, प्रीति व उनके अन्य सहयोगी मीर होटल में एक आदिवासी बच्ची की शादी कराने की फिराक में है तो पुलिस ने छापेमारी की और गिरोह के 12 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया.
गिरफ्तार लोगों में मीना देवी, ललीता कुमारी, भोला कुमार उर्फ भोला दास, गोविंद साव, शंकर चौधरी, संदीप शर्मा, मुकेश गुज्जर, राजू शर्मा, हेमंत शर्मा, दलीचंद शर्मा, दिनेश शर्मा व एक नाबालिग लड़की शामिल है. गिरफ्तार लोगों में कई लोग बिहार, मध्यप्रदेश, झारखंड और राजस्थान के हैं. पत्रकार सम्मेलन में एएसपी श्री जमां ने बताया कि गिरोह के सदस्यों ने कई चौंकाने वाली जानकारियां दी है. शीघ्र ही पुलिस गिरोह में शामिल अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए दूसरे राज्यों में भी जायेगी. मौके पर पचंबा के इंस्पेक्टर अनिल कुमार, थाना प्रभारी सौरव राज, पुअनि गुरुचरण मांझी, ललीता कुजूर, अवधेश कुमार समेत अन्य उपस्थित थे.
पैसे का लालच देकर लड़कियों को फंसाता
लड़कियों की खरीद-बिक्री के गिरोह का मास्टरमाइंड गया बिहार का शंकर चौधरी है. शंकर चौधरी ने बिहार व झारखंड के अलावे राजस्थान, मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों में अपना जाल फैला रखा है. इस गिरोह में कई महिलाएं भी शामिल हैं. महिलाएं जरूरतमंद नाबालिग लड़कियों पर नजर रखती है और रेक के बाद अपहरण की योजना बनाती है. महिलाएं बच्चियों के परिजनों को भी पैसे की लालच देती हैं. परिजनों की रजामंदी से बच्चियों को दूसरे राज्यों में ले जाया जाता है और उन्हें शादी के बहाने बेच दिया जता है.
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