आज 28 सितंबर शहीद ए आजम भगत सिंह के जयंती के मौके पर शहीद भगत सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को रद्द करने तथा झारखंड से जुड़े प्रमुख मांगो को लेकर ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन झारखंड राज्य कमिटी के नेतृत्व में राजभवन के समक्ष विशाल छात्र प्रदर्शन किया गया। अखिल भारतीय कमिटी के आह्वान पर नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के खिलाफ 1 मई से 28 सितंबर तक एक करोड़ हस्ताक्षर अभियान चलाया गया एवं झारखंड के लाखों छात्रों के हस्ताक्षर के साथ आज सैकडो छात्र छात्राएं राजभवन के समक्ष पहुंचे थे। सर्वप्रथम कचहरी के समीप नेताजी सुभाष चंद्र बोस पार्क से एक विशाल जुलूस राजभवन तक पहुंची और सभा में तब्दील हो गई ।
“ ये भगत सिंह तू जिंदा है हर एक लहू के कतरे में “ में क्रांतिकारी गीत के साथ सभा का प्रारंभ ।
आल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन के अखिल भारतीय सचिव मंडल सदस्य समसूल आलम ने कहा कि आज भगत सिंह के जयंती के अवसर पर पूरे देश और झारखंड राज्य के छात्रों नौजवानों को भगत सिंह के सपने को साकार करने के लिए आगे बढ़ने की जरूरत है।जो नौजवान 23 वर्ष की आयु में देश के खातिर फांसी के फंदे पर झूल गया और देश के लिए शहादत को अपनाया।उनका सपना आज भी अधूरा है इसी सपने के साथ आज हम सब शैक्षणिक सवालों को लेकर लगातार संघर्ष कर रहे हैं। इस कोरोना महामारी में जो सबसे बड़ी क्षति हुई है,वह शिक्षा का हुआ है। तब सरकार को इस हालात में सुधार कर स्कूल -कॉलेज -यूनिवर्सिटी के शैक्षणिक माहौल को बनाने का काम करना चाहिए था। ऐसे हालात में सरकार को ऐसी नीति को लागू करना चाहिए था।
जो वर्तमान शिक्षा नीति में व्याप्त त्रुटियों कमियों खामियों को दूर कर एक ऐसी शिक्षा नीति का निर्माण करती जो आम जनमानस के पहुंच में आसानी से होता। परंतु इसके विपरीत नई शिक्षा नीति 2020 को बिना किसी सार्थक चर्चा परिचर्चा और लोकसभा राज्यसभा में बहस कराए हुए,जबरन देश के शिक्षण संस्थानों में थोप दिया जा रहा है। यह शिक्षा नीति ना केवल शिक्षा के निजीकरण व्यापारिकरण व संप्रदायिकरण को बढ़ावा देगी,बल्कि इससे भी बढ़कर यह नीति शिक्षा के आधारभूत सार तत्व और शिक्षा के उद्देश्य को ही समाप्त कर देगा। राज्य सचिव सोहन महतो ने संबोधन में कहा कि शिक्षा का जो मूल उद्देश्य नीति नैतिकता ,मूल्य बोध ,इंसानियत को छात्रों के अंदर उतारना है।
आज झारखंड की शैक्षणिक स्थिति अन्य राज्यों से बदतर है यहां लाखों छात्र छात्राएं B.ed की डिग्री लेकर घूम रहे हैं वह लंबे समय से जे टेट की परीक्षा के आयोजन की मांग कर रहे हैं परंतु सरकार उनकी मांगों पर कोई सकारात्मक पहल नहीं दिखा रही उसी प्रकार झारखंड के स्कूल कॉलेज महाविद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है
आधारभूत संरचनाओं का घोर अभाव है प्रत्येक वर्ष स्कूल कॉलेज और यूनिवर्सिटी में नामांकन लेने वाले छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है परंतु नए सरकारी शिक्षण संस्थान नहीं खुले हैं और ना ही नामांकन सीटों में बढ़ोतरी की गई है जिसके कारण हजारों हजार छात्र-छात्राएं निजी शिक्षण संस्थानों की ओर पलायन करने हेतु विवश है और जिनके पास पैसा नहीं वह पढ़ाई से दूर होते जा रहे हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 देश में शिक्षा व्यवस्था पर विनाशकारी प्रभाव डालेगी और शिक्षा को बाजारू माल में तब्दील कर देशी-विदेशी पूंजीपतियों के द्वारा आम गरीब जनता के शोषण के रास्ते को खोल देगी।शैक्षणिक-गैरशैक्षणिक गतिविधियों एवं विज्ञान व कला संकाय के बीच किसी ठोस विभाजन का ना होना सीखने और सिखाने की पूरी प्रक्रिया को ही बर्बाद कर देगा।
विभिन्न जिलों के सदस्य द्वारा विभिन्न सवालों पर चर्चा विमर्श किया गया है। शिक्षा के मूल सारतत्व को बर्बाद करने वाले इस नीति को अविलंब वापस नहीं लिया गया तो एआईडीएसओ सड़कों पर उतर कर बड़ा छात्र आंदोलन का निर्माण करेगा और लाखों की संख्या में राजभवन का घेराव । आज के इस प्रदर्शन में प्रदेश के करीब 20 जिलों के 500 छात्र प्रतिनिधि उपस्थित हुए एवं सभी ने अपने जिलों एवं स्कूल कॉलेज के समस्याओं को सभा के माध्यम से राजपाल भवन के समक्षरखा ।
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