झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को अधिकारियों को प्रवासी मजदूरों के लिए जिला स्तर पर 10 लाख रुपये का कोष बनाने का निर्देश दिया है। इस बारे में जानकारी देते हुए आधिकारी ने कहा कि कोष के माध्यम से प्रवासी मजदूरों को आपात स्थिति मदद की जाएगी साथ ही किसी की दुर्घटना या मौत की स्थिति में तत्काल 50 हजार रुपये की मदद मुहैया कराई जाएगी।
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योजनाओं की प्रगति और प्रदर्शन की समीक्षा कर रहे
सीएम सोरेन राज्य के सभी 24 जिलों के उपायुक्तों और विभिन्न विभागों के सचिवों के साथ राज्य में चल रही विभिन्न कल्याण और विकास योजनाओं की प्रगति और प्रदर्शन की समीक्षा कर रहे थे। साथ ही सीएम ने अधिकारियों से निजी कंपनियों को लेकर बनाए नए कानून को लागू करने के लिए कहा।
झारखंड से लाखों मजदूर आजीविका के लिए दूसरे राज्यों में पलायन करते हैं। सरकार ने उनके लिए कई कदम उठाए हैं क्योंकि उन्हें दूसरे राज्य में दुर्घटना या मृत्यु के मामले में कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है।
इस साल राज्य में सूखे जैसे हालात
मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि कम बारिश के कारण इस साल राज्य में सूखे जैसे हालात हैं। हमें इस बात का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है कि किसानों और मजदूरों का पलायन न हो। बड़े पैमाने पर नौकरियां पैदा करने की जरूरत है और योजनाओं को लागू किया जाना चाहिए। योजनाओं की जियो मैपिंग भी की जाए।
उन्होंने हर गांव में कम से कम पांच नई योजनाएं शुरू करने और मनरेगा नौकरियों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के पलायन को रोकने के लिए मनरेगा कार्यों पर ध्यान दिया जाना चाहिए।