टाटा संस के पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री भले संसार छोड़कर चले गए, मगर लौहनगरी से जुड़ी उनकी कई यादें ऐसी हैं, जो लंबे समय तक यादगार रहेंगी। सायरस मिस्त्री 2012 से लेकर 2016 के बीच शहर में नौ बार आए। एक्सएलआरआई का नया कैंपस हमेशा उनकी यादों को जीवंत बनाए रखेगा। 2015 में एक्सएलआरआई के नए परिसर का उद्घाटन टाटा संस के तत्कालीन अध्यक्ष सायरस मिस्त्री ने ही किया था। यही नहीं, इस समारोह में सायरस ने एक्सएलआरआई के शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों के साथ बातचीत भी की थी।
किया था टेल्को टाउनशिप में बने नए मिलेनियम पार्क का उद्घाटन
2014 में सायरस मिस्त्री ने रतन टाटा के साथ टाटा मोटर्स प्लांट का भी दौरा किया था। तब उन्होंने टेल्को टाउनशिप में बने नए मिलेनियम पार्क का उद्घाटन किया था। मिस्त्री ने टाटा स्टील परिसर के अंदर बैटरी नंबर 11 का उद्घाटन भी किया था। उसी दौरान शाम को उन्होंने स्टीलेनियम हॉल में अधिकारियों को संबोधित किया था। मिस्त्री सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के एक कार्यक्रम में भी शामिल हुए थे। साथ ही दो-तीन बार संस्थापक दिवस पर 3 मार्च के समारोह में शहर आए थे।
पद छोड़ने तक नौ बार जमशेदपुर आए थे
सायरस मिस्त्री टाटा संस का चेयरमैन नामित होने से चेयरमैन पद छोड़ने तक नौ बार जमशेदपुर आए थे। वे पहली बार चेयरमैन नामित होने पर 2 मार्च 2012 को शहर आए थे। इसके बाद वर्ष 2013, 2014, 2015 तथा 2016 को संस्थापक दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों में शिरकत करने शहर आए थे। इसके अलावा मई 2015 में टाटा वर्कर्स यूनियन के कार्यक्रम में उन्होंने भाग लिया था। इसके पहले अप्रैल 2014 में कोक ओवेंस में बैटरी नंबर-11 के उद्घाटन करने तथा सितंबर 2014 में टाटा स्टील परिसर स्थित जेसीएपीसीपीएल के कार्यक्रम में लिए आए थे।
पहली बार 2 मार्च 2012 को आए थे जमशेदपुर
पहली बार वे 2012 में शहर आए थे। इसके बाद चेयरमैन बनने पर पहली बार संस्थापक दिवस समारोह में शामिल होने 2 मार्च 2013 को जमशेदपुर आए थे। तब 3 मार्च को संस्थापक दिवस के दिन गोपाल मैदान में रस्साकशी में भी हिस्सा लिया था।
टाटा स्टील कंपनी में फैमिली सपोर्ट स्कीम कराई थी लागू
सायरस मिस्त्री काफी संवेदनशील इंसान थे। एक वाकया उनके इस व्यक्तित्व को लोगों के सामने लाया था। 14 नवंबर 2013 को टाटा स्टील में गैस होल्डर में दुर्घटना हुई थी, जिसमें बीएन सिकदर नामक स्थायी कर्मचारी की मौत हो गई थी। उस समय काम के दौरान मृत्यु होने पर कर्मचारी के आश्रित को मिलनेवाली राशि और सुविधा से बीएन सिकदर के परिजन सहमत नहीं थे। मृतक के परिजनों ने अपनी मांग यूनियन और प्रबंधन के समक्ष रख दी थी।
इसके बाद टाटा वर्कर्स यूनियन के तत्कालीन अध्यक्ष पीएन सिंह ने सायरस मिस्त्री और प्रबंध निदेशक के समक्ष प्रस्ताव रखा था। इस संबंध में पीएन सिंह कहते हैं कि उनके प्रस्ताव को सायरस मिस्त्री ने पसंद किया था और एमडी से कहा था कि इनका सुझाव पसंद है। उनके हस्तक्षेप और एमडी की पहल पर ड्यूटी के दौरान मृत कर्मचारियों के आश्रित के लिए नया स्कीम लाया गया था, जिसे इंप्लाई फैमिली सपोर्ट स्कीम से जाना जा रहा है।
टाटा साहेब से सीखने के लिए बहुत कुछ है
टाटा संस के पूर्व चेयरमैन एवं कंस्ट्रक्शन क्षेत्र की अग्रणी कंपनियों में शुमार शापूर जी पालोन जी के शीर्ष अधिकारी रहे देश के प्रमुख उद्योगपति सायरस मिस्त्री का जमशेदपुर से गहरा लगाव था। शहर आगमन के दौरान उनसे जुड़ी कई यादगार बाते हैं। 3 मार्च 2012 को सिंहभूम चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के कार्यक्रम में उन्होंने रतन टाटा के बारे में पूछे गए एक सवाल पर कहा था कि टाटा साहेब से सीखने के लिए बहुत कुछ है।
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