झारखंड जनतांत्रिक महासभा के दीपक रंजीत के एक FB मित्र ईश्वर मुर्मू की सराहनीय पहल
झारखंड जनतांत्रिक महासभा के दीपक रंजीत ने इसके बारे में बताया कि 30 अगस्त को मयूरभंज के उनके एक फेसबुक मित्र ईश्वर मुर्मू ने बताया कि मध्यप्रदेश में रह रहे दोस्तों को एक युवक मिला है, जो अपना नाम सुभाष सिंह बता रहा है. पता-गांव झांटीझरना, गालूडीह, घाटशिला, पूर्वी सिंहभूम बता रहा है.
सुभाष सिंह जंगल के रास्ते में मिला था
आगे ईश्वर मुर्मू ने बताया कि सुभाष हिंदी बोल नहीं पा रहा है. और यह लड़का जो भाषा बोल रहा है वह उसके दोस्तों को समझ नहीं आ रहा है. सुभाष ईश्वर के मित्र गंगा सिंह बाडेकर के गांव ग्राम तिवनी, तहसील बिरसिंहपुर पाली, जिला उमरिया, मध्यप्रदेश में है. इन लोगों को सुभाष सिंह जंगल के रास्ते में मिला था
भाषाई दिक्कत के कारण ठीक से वार्तालाप नहीं हो रहा था
इसके बाद उनकी बात उमरिया के गंगा सिंह बाडेकर से हुई. उन्होंने बाते कि सुभाष गंगा भाई के घर से बार बार भाग जा रहा है. फिससे उसे खोजकर लाना पड़ रहा है. भाषाई दिक्कत और अविश्वास के कारण उनलोगों से ठीक से वार्तालाप नहीं हो रहा है. दीपक ने उससे उसकी भाषा में संपर्क करने की कही. बात हुई. उसने घर ले आने का अनुरोध किया. इस पर दीपक ने हर संभव प्रयास करने का वादा किया.
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सुभाष मेट्रिक तक पढ़ा है
इधर घरवालों ने आगे बताया कि सुभाष मेट्रिक तक पढ़ा है. परीक्षा से ठीक पहले रात जागकर पढ़ने के कारण या किसी अन्य कारणों से रात रात भर सोता नहीं था. धीरे धीरे उसका कोई चीज याद नहीं रहता था. बैठता था बैठे रह जाता था. चलता था तो चलते रहता है. इसी बीच एकदिन घर से कही चला गया. उसके बाद वापस नहीं लौटा. घर वालों ने बताया कि उन लोगों ने 5-6 महीने तक आस-पास के क्षेत्रों में खोजबीन की, लेकिन कोई सूचना नहीं मिली. वह लेकिन इतनी दूर चला जायेगा, घर के लोगों को उम्मीद नहीं थी. उधर मध्य प्रदेश से गंगा भाई ने कहा, “सुभाष के घर वालों से संपर्क हो जाये, उनलोगों से सुभाष की बात हो जाये. तो हमलोगों को तस्सली होगी.” इसके बाद दीपक ने घाटशिला के अपने परिचितों और रिश्तेदारों को व्हाट्सएप पर पूरी जानकारी दी.
सुभाष सिंह को खोजने और उसके घर लाने में कई लोगों का अहम् योगदान रहा-दीपक
इसके बाद टेड़ापानी, झांटीझरना के दीपक के चाचा बंकिम महतो और प्रभात खबर के पत्रकार मो. परवेज का मैसेज आया. चाचा ने बताया कि उसके घर वालों से बात हुई है. फिर दीपक की भी बात घर वालों से करवाई. परवेज भाई का मैसेज आया कि वहां के मुखिया से बात हुई. नम्बर उन्हें दिया है. संपर्क करेगा.
इसके बाद दीपक ने घर वालों की बातचीत उमरिया के गंगा भाई के करवाई. सुभाष को घर लाने पर बातचीत हुई और आज सुबह के ट्रेन से उसके जिला महीन सिंह चाचा धोरेन्द्र नाथ सिंह और पंचायत समिति सदश्य सुरेश सिंह ट्रेन से सुभाष को लेने के लिए उमरिया के लिए निकले हैं.
दीपक रंजीत ने आशा व्यक्त की है कि सुभाष सिंह जल्द से जल्द सकुशल घर आ जायेगा
दीपक रंजीत ने बताया कि सुभाष सिंह की घर लाने तक की प्रक्रिया में मुख्य रूप से ईश्वर मुर्मू ने फेसबुक के माध्यम से उनसे संपर्क किया, उसे सुरक्षित अपने घर में रखने और दीपक और अन्य लोगों से संपर्क करने में गंगा सिंह बाडेकर का अहम योगदान रहा, सुभाष सिंह के घर वालों से संपर्क करने में बंकिम महतो शिक्षक, मो. परबेज पत्रकार, विजय सिंह मुखिया के सहयोग के साथ साथ कई और लोगों का भी सहयोग रहा. उसे लाने जाने के लिए घाटशिला के सीओ की भी अहम् भूमिका रही.
दीपक रंजीत ने आशा व्यक्त की है कि सुभाष सिंह जल्द से जल्द सकुशल घर आ जायेगा.
शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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