शहर केसफलता उलीडीह थाना क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया में 1.13 करोड़ रुपये की डकैती कांड के 10 दिनों बाद भी पुलिस को मामले में सफलता हाथ नहीं लगी है. घटना को लेकर जो टीम बनायी गयी थी. वह टीम ओड़िशा, बिहार और बंगाल से लौट आयी है. कोड़ा गैंग से लेकर अन्य को खंगाला गया, लेकिन नतिजा अबतक कुछ नहीं निकला है. कुल मिलाकर पुलिस के लिये बिष्टुपुर में हुई 32 लाख की लूट वाली स्थिति उत्पन्न हो गयी है. दोनों घटनायें पुलिस के लिये पहेली ही बनी हुई है
दोनों घटनाओं में पुलिस का सूचना तंत्र नहीं कर रहा काम
आम तौर पर कहा जाता है कि जहां पर आम लोगों के सोचने और समझने की क्षमता समाप्त हो जाती है ठीक वहीं से पुलिस अपने काम की शुरूआत करती है, लेकिन 32 लाख की लूट और 1.13 करोड़ की डकैती के मामले में पुलिस की सूचना तंत्र पूरी तरह से फेल हो गयी है. मुखबिर के भी समझ से मामला परे है.
हार नहीं मान रही है पुलिस
एसएसपी के रूप में प्रभात कुमार के प्रभार संभालने के ठीक एक माह बाद ही डकैती की घटना घटी थी. पुलिस कप्तान इस मामले मे अभी हार नहीं मानने वाले हैं. कोशिश अभी जारी है. टीम लौट आयी है, लेकिन इसके लिये गठित टीम अभी अपने स्तर से काम भी कर रही है. हो सकता है आगे चलकर पुलिस को सफलता भी हाथ लगे.
क्या था मामला
18 अगस्त की सुबह 10 बजे बैंक ऑफ इंडिया में मास्क लगाये हुये हथियारबंद डकैत भीतर घुसे थे. इसके बाद ग्राहकों और बैंक के कर्मचारियों का मोबाइल यह कहते हुये ले लिया था कि सीबीआइ का छापा पड़ रहा है. इसके बाद बैंक के लॉकर का चाबी लेकर नकदी समेत कुल 1.13 करोड़ रुपये मूल्य के जेवर लेकर बाइक से फरार हो गये थे. घटना के दिन दो डकैत बैंक के नीचे रेकी कर रहा था. चार डकैत बाइक से भागे थे और दो पैदल ही निकला था. दूसरे दिन पुलिस ने घटना में प्रयुक्त बाइक को एनएच 33 आजादनगर से बरामद किया था.
बिष्टुपुर केनरा बैंक से 32 लाख लूट में भी पुलिस के हाथ खाली
बिष्टुपुर केनरा बैंक में छगनलाल दयालजी ज्वेलर्स के कर्मचारी से 14 फरवरी की सुबह 10.35 बजे 32 लाख रुपये की लूट मामले में छह माह के बाद भी पुलिस के हाथ खाली है. इसके लिये कई टीम बनाकर झारखंड, बिहार, बंगाल और ओड़िशा में छापेमारी के लिये भेजा गया था, लेकिन पुलिस को सुराग तक हाथ नहीं लगे हैं.
32 लाख की लूट की घटना के बाद बाइक सवार दो बदमाशों ने ठीक चार दिनों के बाद पुलिसवाला बनकर 10 लाख का सोना भी ठग लिया था. 32 लाख की लूट में तत्कालीन एसएसपी डॉ. एम तमिल वाणन ने अलग-अलग तरीके से काम करके सफलता पाने की कोशिश की थी, लेकिन सभी कोशिशें असफल रही. पुलिस को सफलता नहीं मिली. इसका मलाल डॉ. वाणन को जमशेदपुर से विदायी लेते समय भी था.
Join Mashal News – JSR WhatsApp Group.
Join Mashal News – SRK WhatsApp Group.
सच्चाई और जवाबदेही की लड़ाई में हमारा साथ दें। आज ही स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें! PhonePe नंबर: 8969671997 या आप हमारे A/C No. : 201011457454, IFSC: INDB0001424 और बैंक का नाम Indusind Bank को डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर कर सकते हैं।
धन्यवाद!