पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिलना चाहिए या नहीं, अब यह प्रश्न सत्ता और सियासत के लिए वाकयुद्ध की वजह बन चुका है।इसे लेकर सत्तारूढ़ महागठबंधन और बीजेपी दोनों आमने-सामने आ गए हैं।बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बीजेपी को इस मसले पर आड़े हाथों लिया।दूसरी तरफ बीजेपी इस मामल में बैकफुट पर है।
इन सबके बीच पटना विश्वविद्यालय ने एक बार फिर ईस्ट का ऑक्सफोर्ड का हवाला देते हुए केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिए जाने की मांग की है।बुधवार को जब बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री बोल रहे थे तो उसमें उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी का जिक्र किया।डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा है कि, बिहार की उपेक्षा हुई है और पटना यूनिवर्सिटी को केंद्रीय विश्वविद्यालय तक का दर्जा नहीं मिला।
साल 2017 में पटना यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह में जब प्रधानमंत्री मोदी ने शिरकत की थी उस वक्त मंच से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना यूनिवर्सिटी को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने की बार-बार अपील की।पांच साल गुजर गए लेकिन अब तक बात इस पर आगे नहीं बढ़ी है।दूसरी ओर इस मामले ने सियासत का रंग अख्तियार कर लिया है।पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर गिरीश कुमार चौधरी ने कहा है कि, केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए जो मापदंड चाहिए उनकी यूनिवर्सिटी इसे पूरा करती है।
दूसरी ओर पटना यूनिवर्सिटी के छात्र भी विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं।पटना विश्वविद्यालय भारत की सातवीं पुरानी यूनिवर्सिटी है।पटना विश्वविद्यालय के साथ जिस जिस विश्वविद्यालयों को स्थापना हुई उन्हें केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिल चुका है।लेकिन बिहार में अब इस मुद्दे को स्वाभिमान और सियासत बनाया गया है।
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