प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार मिश्रा के न्यायालय ने यशोदा नेटवर्क मार्केटिंग, फिनी निधि लिमिटेड और म्यूचुअल फंड के नाम पर करीब एक करोड़ रुपये की ठगी मामले में पांच दोषियों को सात-सात साल की सजा सुनाई I साथ ही प्रत्येक दोषी को 24-24 लाख रुपये मुआवजा भुगतान के आदेश दिए। दोषियों में मानगो थाना क्षेत्र के आजादनगर रोड नंबर छह के शौकत अली, नुरुल, शमशुल हक, युसूफ अली और इकबाल है। सभी भाई है।
पहले दोषियों को प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय ने तीन साल की सजा और 10 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई थी जिसके विरुद्ध दोषियों ने अपील करते हुए सजा को निरस्त किए जाने की याचिका दी थी। वहीं मामले की शिकायतकर्ता मानगो के आजादनगर थाना क्षेत्र जाकिरनगर निवासी महिला तरन्नुम नाज और अन्य महिलाओं ने संयुक्त रूप से दो अलग-अलग अर्जी ऊपरी न्यायालय में देते हुए न्याय की गुहार लगाई थी कि दोषियों को निचली अदालत ने जो सजा और जुर्माना देने के आदेश दिए है।
उससे वे संतुष्ट नहीं है जिस पर प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश के न्यायालय ने शिकायतकर्ताओं की अर्जी को स्वीकार किया। बुधवार को न्यायालय ने दोषियों को भादवि की धारा 467 में दस्तावेज में हेराफेरी में भी दोषी पाया। सात साल की सजा और 1.20 करोड़ रुपये भुगतान के आदेश दिए।
न्यायालय का ऐतिहासिक फैसला
शिकायतकर्ता तरन्नुम नाज समेत अन्य महिलाओं की ओर से अधिवक्ता शिवशंकर न्यायालय में पक्ष रख रहे थे। अधिवक्ता ने बताया उन्होंने जिला जज के न्यायालय में सुप्रीम कोर्ट के कई बिंदुओं को विस्तार पूर्वक रखा। तर्क दिए जिसके बाद न्यायालय ने माना कि मामला समाज से जुड़ा हुआ है और लोगों से रुपये की ठगी की गई है। जमशेदपुर न्यायालय का ऐतिहासिक फैसला है। न्यायालय में साक्ष्य के रूप में 350 से अधिक दस्तावेज सौंपे गए थे। 11 लोगों की गवाही हुई थी। आरोपितों के विरुद्ध 26 जुलाई 2017 को मानगो थाना में प्राथमिकी दी गई थी।
850 से अधिक लोगों से ठगी
ठगी के शिकार हुए लोगों का केस लड़ रहे अधिवक्ता शिवशंकर ने बताया पुलिस के अनुसंधान में 850 से अधिक लोगों से ठगी किए जाने के मामले सामने आए है। मानगो में दोषियों ने यशोदा नेटवर्क मार्केटिंग सर्विसेज लिमिटेड के नाम से कार्यालय खोला। लोगों को अधिक ब्याज देने का लालच देकर डेली खाता, मासिक खाता और फिक्सड डिपोजिट योजना के तहत रुपये जमा करवाएं गए। लोगों को बताया गया कंपनी जमीन, चाय, पानी और तेल का व्यवसाय करती है।
एक साल तक कोलकाता की कंपनी यशोदा मार्केटिंग सर्विसेज लिमिटेड के नाम से रुपये जमा करवाएं गए। मैच्यूरिटी पूरा होने पर ग्राहकों के पैसे को फिनी म्यूचयुल फंड और फिनी म्यूच्यूअल बेनिफिट लिमिटेड के नाम से जमा कराया जाना लगा। यशोदा कंपनी के प्रबंध निदेशक पीसी गांगूली है जिससे कभी लोग नहीं मिल पाए। तरन्नुम नाज ने मानगो थाना में ठगी की शिकायत दर्ज कराते हुए प्राथमिकी दी थी।
मामले में पीके गांगूली अब तक फरार है। अधिवक्ता शिवशंकर ने बताया दोषियों को भादवि की धारा 406 के तहत तीन साल सजा 4 लाख जुर्माना, 420, 467, 468 पर सात साल की सजा और 471 और 120 बी में दो साल की सजा सुनाई गई है। सभी सजा साथ-साथ चलेगी।
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