गाँधी विचार की राष्ट्रीय शीर्ष संस्था सर्व सेवा संघ द्वारा 9 अगस्त नागरिक अधिकारों, धार्मिक सद्भाव और खादी की रक्षा के लिए अगस्त क्रांति दिवस पर दिल्ली के जंतर-मंतर पर दिन भर का संकल्प सत्याग्रह किया गया, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों के गांधीवादी संगठनों व कार्यकर्ताओं की सहभागिता रही.
सरकार हालात को संभालने की बजाय बिगाड़ने में लगी है
इस दौरान गांधीजी के विचार और कम से जुड़े कार्यकर्त्ता देश में घटती लोकतान्त्रिक मान्यताएं, नागरिक अधिकारों के हनन, बिगड़ते सांप्रदायिक सद्भाव और बेतहाशा बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी को लेकर चिंता प्रकट की गई. कार्यकर्ताओं ने इस सम्बन्ध में अपना क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार इस स्थिति को सँभालने और सुधरने की बजाय इसे बढ़ाने और बिगाड़ने में लगी हुई है.
“गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति’ द्वारा प्रकाशित पत्रिका “अंतिमजन” के जून के अंक को सावरकर अंक के रूप में प्रकाशित करना अनुचित
गांधीवादियों ने कहा कि केन्द्र सरकार महात्मा गांधी के विचारों और स्वतंत्रता आन्दोलन की विरासतों को योजनाबद्ध तरीके से बिगाड़ने और मिटाने का काम कर रही है. गांधीजी के साबरमती आश्रम के नवीनीकरण का प्रस्ताव, गांधीजी के नाम पर बनी संस्था “गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति’ द्वारा प्रकाशित पत्रिका “अंतिमजन” के जून’ 2022 के अंक को सावरकर अंक के रूप में प्रकाशित करना, यह सब इसके ज्वलंत उदाहरण हैं. पूरा देश जानता है कि विनायक दामोदर सावरकर गांधी की हत्या में संलिप्त थे, जिसे कपूर कमीशन ने सपष्ट रूप से रेखांकित किया है. इसके बावजूद गांधी विचार एवं मूल्यों के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित संस्था द्वारा उनका महिमामंडन किया जा रहा है.
गांधी विचार की संस्था का कुत्सित उपयोग किसी भी तरह से उचित नहीं है
गांधीवादी कार्यकर्त्ताओं का मानना है कि सावरकर की प्रशंसा के लिए किसी को भी पूरी स्वतंत्रता है, लेकिन गांधी और गांधी विचार की संस्थाओं के सहारे उनका महिमामंडन करना सर्वथा अनुचित, अनैतिक और ढीठ आचरण को दर्शाता है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा के तमाम नेताओं का सावरकर ही नहीं, गोडसे से भी प्रेम जगज़ाहिर है, किन्तु इसके लिए गांधी विचार की संस्था का कुत्सित उपयोग किसी भी तरह से उचित नहीं है.
गांधीवादी कार्यकर्ताओं ने अपेक्षा व्यक्त की है कि ‘गांधी स्मृति दर्शन समिति’ के ‘अंतिमजन’ के उक्त सावरकर अंक को आधिकारिक रूप से वापस ले. सत्यग्रह में शामिल सभी गांधीवादी कार्यकर्त्ता देश में साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति के फलस्वरूप बिगड़ते साम्प्रदायिक वातावरण और विरोध व असहमतियों को दबाने के संस्थागत प्रयासों से उत्पन्न भय के माहौल से चिंतिंत हैं. कार्यकर्ताओं का मानना है कि सरकार के धार्मिक वर्चस्व का यह अभियान, सर्वधर्म समभाव तथ धर्मनिरपेक्षता की भावना और विचार को नष्ट कर देगा.
Nagpur – Workshop On We and Our Constitution | Mashal News |
कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों और पत्रकारों को फजी मुकदमों के जरिए परेशान किया जा रहा है
कार्यकर्ताओ, बुद्धिजीवियों और पत्रकारों को फजी मुकदमों के जरिए न सिर्फ परेशान किया जा रहा है, संदेह के आधार पर जेल भेजा जा रहा है और ज़मानत पर छुट न पाए, इसके होगा लिए पुलिस और सरकारी एजेंसियां एड़ी-चोटी एक कर रही हैं, ज़मानत उसका कानूनी अधिकार है. मेधा पाटकर, तीस्ता सीतलवाड़, हिमांशु कुमार, मो. जुबैर इसके ताज़ा उदहारण हैं. संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों और कानून के शासन के सिद्धांत के स्थान पर बुलडोजर-दंड की संस्कृति विकसित की जा रही है। सत्याग्रह में शामिल कार्यकर्ताओं ने कहा कि सरकार का दायित्व है कि वह ‘क़ानून का राज’ कायम करे, नागरिकों की आज़ादी सुरक्षित रखे और भयमुक्त व्यवस्था का निर्माण करे.
अपने घरों पर खादी का ही तिरंगा फहराएं
संकल्प सत्याग्रह में शामिल गांधी विचार के संगठनों एवं कार्यकर्ताओं ने आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ के ऐतिहासिक अवसर पर केन्द्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय ध्वज के लिए खादी की अनिवार्यता समाप्त किए जाने की निंदा करते हुए गांधीजनों और समाज के प्रत्येक नागरिक से अपील की है कि वे सरकार की मंशा की कामयाब न होने दें और वे खादी का ही राष्ट्रध्वज फहराएं तथा गांधीवादी कार्यकर्ता मिल द्वारा बनाए तिरंगे से खुद को दूर रखें। उन्होंने आम जनता से भी अपील की, कि वे अपने घरों पर खादी का ही तिरंगा फहराएं, क्योंकि खादी के साथ श्रम की प्रतिष्ठा तथा आत्मनिर्भरता का विचार जुड़ा हुआ है।
ये हुए शामिल
सर्व सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष चन्दन पाल की अध्यक्षता तथा प्रबंधक ट्रस्टी अशोक शरण के संयोजन में आयोजित इस संकल्प सत्याग्रह में तीस जनवरी मार्ग पर प्रार्थना के लिए देश भर से आए 100 से अधिक लोगों में गुजरात से अमित पटेल, रश्मि राठौड़, महाराष्ट्र से शेख हुसैन, रमेश दाने, तेलंगाना से शंकर नायक, हरियन से जयभगवन शर्मा, मुस्लिम चौहान, राजस्थान से आशा बहन बोथरा, सवाई सिंह, मध्य प्रदेश से संतोष द्विवेदी, पारुल बहन, सेवाग्राम आश्रम प्रतिष्ठान की मंत्री चतुर बहन, सेवाग्राम आश्रम के अध्यक्ष टीआरएन प्रभु, उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष राधीराज भाई, उत्तराखंड से साहेब सिंह सजवाण, सर्व सेवा संघ के महामंत्री गौरांग चन्द्र महापात्र, मंत्री अरविन्द कुशवाहा, दिल्ली से विजय मिश्रा, उत्तर प्रदेश के मेरठ से वयोवृद्ध गांधीवादी कृष्णकुमार खन्ना समेत कई सहमाना संगठनों के कार्यकर्त्ता शामिल हुए.
शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
Join Mashal News – JSR WhatsApp Group.
Join Mashal News – SRK WhatsApp Group.
सच्चाई और जवाबदेही की लड़ाई में हमारा साथ दें। आज ही स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें! PhonePe नंबर: 8969671997 या आप हमारे A/C No. : 201011457454, IFSC: INDB0001424 और बैंक का नाम Indusind Bank को डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर कर सकते हैं।
धन्यवाद!