चक्रधरपुर रेल मंडल के झारसुगुड़ा में कई निर्माण कार्य प्रगति पर हैं। यहां रेलवे ने विभिन्न कारणों से अंग्रेजी के वाई आकार का ऐलीवेटेड अर्थात जमीन से उपर रेल काेरीडोर बनाने का निर्णय लिया है। भविष्य में रेलवे के बढ़े ट्रैफिक को ध्यान में रखकर क्षेत्र के लिए खास तौर पर विभिन्न योजनाएं तैयार की गई हैं। इनमें सबसे खास एलीवेटेड रेल काेरीडोर की योजना बताई जा रही है। इससे पूर्व भारतीय रेल ने रोहतक-पानीपत के मध्य एलीवेटेड काेरीडोर बनाया है। यह कोरीडोर 4.8 किमी की लम्बाई का साढ़े तीन सौ करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ है। चक्रधरपुर रेल मंडल के झारसुगुड़ा में बनने वाला एलीवेटेड रेल काेरीडोर देश का दूसरा एलीवेटेड कारीडोर होगा।
भारतीय रेल में यह प्रयोग नया नहीं
यूं तो मेट्रो व रैपिड रेल के लिए एलीवेटेड काेरीडोर पुरानी बात हो चुकी है। भारतीय रेल में यह प्रयोग नया नहीं है। रोहतक-पानीपत एलीवेटेड रेल कारीडोर भी मार्च 2021 में ही आरंभ हुआ है। मेट्रो एवं सामान्य रेल के एलीवेटेड कारीडोर सुनने-कहने में तो समान लगते हैं, लेकिन वास्तव में दोनों में काफी फर्क है। अभियांत्रिकी की समझ रखने वाले जानकारों के अनुसार दोनों की भार वहन क्षमता उन्हें अलग करती है। स्वाभाविक है कि मेट्रो की तुलना में सामान्य रेलगाडियां व मालगाड़ियां कई गुना ज्यादा भार लेकर चलती हैं।
ये योजनाएं भारतीय रेल के लिए कितनी महत्वपूर्ण है, यह इसी से समझा जा सकता है कि भारतीय रेल के सीईओ सह चेयरमैन विनय कुमार त्रिपाठी ने क्षेत्र का दौरा किया था। भारतीय रेलवे के शीर्ष अधिकारी ने अधिकारियों के बड़े दल के साथ योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की और एमसीएल के साथ बैठक कर भविष्य की योजनाओं का खाका तैयार किया।
वाई आकार का होगा एलीवेटेड रेल कोरीडोर
झारसुगुड़ा में रेलवे वाई आकार में एलीवेटेड रेल कारीडोर का निर्माण कराएगी। झारसुगुड़ा से सरडेगा तक करीब पचास किमी ब्रांच लाइन का दोहरीकरण कार्य प्रगति पर है। इसी ब्रांच लाइन पर साढ़े तीन किमी लम्बे एलीवेटेड कोरीडोर का निर्माण होगा। जिसकी एक जोड़ी पटरी झारसुगुड़ा स्टेशन की ओर जाएगी। जबकि अन्य एक जोड़ी पटरी धूतरा अर्थात राउरकेला की ओर जाने वाली लाइन से जुड़ जाएगी। एलीवेटेड रेल कोरीडोर सघन आबादी क्षेत्र होने के कारण बनाया जाएगा।
इससे पहले भारत में पहली बार एलीवेटेड रेल कारीडोर पश्चिम रेलवे में ओवल मैदान-विरार एलिवेटेड कारिडोर के रूप में प्रस्तावित था। जो मुंबई उपनगरीय रेलवे की पश्चिमी लाइन के साथ चलना था और ओवल मैदान को विरार से जोड़ना था। लेकिन भारी भरकम खर्च की वजह से रेलवे ने इस योजना को बंद कर दिया। इसके बाद रोहतक-पानीपत के बीच देश का पहला एलीवेटेड रेल काेरीडोर बनाया गया। इस तरह यह भारतीय रेलवे का दूसरा एलीवेटेड रेल काेरीडोर होगा।
झारसुगुड़ा में एलीवेटेड काेरीडोर का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। इस सम्बंध में ड्राइंग एवं इस्टीमेट अभी तैयार किया जाना है।—मनीष कुमार पाठक, सीनियर डीसीएम, चक्रधरपुर रेल मंडल
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