लखीमपुर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को जांच में तेजी लाने को कहा है. कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में सभी गवाहों के बयान जल्द से जल्द CRPC 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराए जाएं. कोर्ट ने कहा कि अगर जुडिशियल मजिस्ट्रेट उपलब्ध न होने के कारण बयान दर्ज होने में कोई परेशानी आ रही है, तो संबंधित जिला जज यह तय करें कि नजदीक में उपलब्ध मजिस्ट्रेट के सामने ही बयान दर्ज हो. कोर्ट ने गवाहों की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने को भी कहा है. कोर्ट ने कहा है कि घटना के वीडियो सबूत के परीक्षण को लेकर फोरेंसिक लैब जल्द रिपोर्ट सौपे, अन्यथा हमे आदेश पास करना होगा. इसके अलावा कोर्ट ने भीड़ द्वारा मारे गए श्याम सुन्दर व पत्रकार रमन कश्यप की हत्या के मामले में भी यूपी सरकार को रिपोर्ट दायर करने को कहा हैं.
कोर्ट के सवाल पर यूपी सरकार का जवाब
पिछली बार सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार की धीमी जांच को लेकर नाराजगी जाहिर की थी. यूपी सरकार की ओर से पेश वरिष्ट अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कोर्ट को बताया कि अभी तक कुल 68 गवाहों के बयान दर्ज हुए है, जिनमें से 30 गवाहों के बयान अभी तक मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज हुए है. इनमें से 23 चश्मदीद गवाह है. इस पर कोर्ट ने सवाल किया कि मौके पर मौजूद हज़ारों लोगों की भीड़ में से पुलिस को सिर्फ 23 ही चश्मदीद मिले ? साल्वे ने कोर्ट को बताया कि सरकार की ओर से विज्ञापन जारी कर लोगों को गवाही देने के लिए आग्रह किया गया था. इसके अलावा सबूत के तौर पर कुछ डिजिटल वीडियो मिले हैं, जिनको परीक्षण के लिए लैब को भेजा गया है. उनकी रिपोर्ट की प्रतीक्षा है.
जस्टिस सूर्यकांत ने बताया कि हज़ारों लोग मौके पर मौजूद थे. उनमे से बहुत से स्थानीय लोग है. घटना के बाद उनमे से बहुत से लोग उचित जांच के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में कार में मौजूद लोगों की पहचान करने में गवाहों को ज़्यादा दिक्कत नहीं होनी चाहिए. बहरहाल चीफ जस्टिस ने यूपी सरकार से कहा कि वे देखें कि क्या 23 से ज़्यादा चश्मदीद गवाह उन्हें मिलते हैं ? आखिरकार उनकी गवाही सबूत के लिहाज से सबसे अहम साबित होगी. हरीश साल्वे ने कहा कि अगर कोर्ट चाहे, तो धारा 164 के तहत सीलबंद कवर में रखे गए गवाहों के बयान भी कोर्ट के सामने रखे जा सकते हैं. इस मामले में सभी 16 आरोपियों की पहचान हो चुकी है. कोर्ट के सवाल के जवाब में हरीश साल्वे ने बताया कि 3-4 गवाह ऐसे हैं, जो इस घटना में ज़ख़्मी भी हुए हैं.
सुनवाई के दौरान भीड़ के हाथों मारे गए श्याम सुंदर की पत्नी रूबी देवी की ओर से वकील अरुण भारद्वाज पेश हुए . उन्होंने कहा कि मेरे पति भीड़ के हाथों मारे गए. हमे भी इंसाफ चाहिए. आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं, धमका रहे है. एक वकील हर्षवीर प्रताप शर्मा ने मौके पर मारे गए पत्रकार रमन कश्यप का मामला भी सामने रखा और जांच को लेकर नाराजगी जाहिर की. कोर्ट ने इन दोनों मामलों में जांच को भी यूपी सरकार को जवाब दाखिल करने को कहा. अगली सुनवाई 8 नवंबर को होगी.
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