झारखंड के तीन कांग्रेस विधायकों की गाड़ी से पश्चिम बंगाल में मिले भारी मात्रा में कैश को लेकर सीआईडी ने सिद्धार्थ मजूमदार के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है।सीआईडी का कहना है कि सिद्धार्थ मजूमदार वही शख्स है जिसने कथित तौर पर गुवाहाटी में वरिष्ठ भाजपा नेता और झारखंड के तीन गिरफ्तार कांग्रेस विधायकों के बीच बैठक करवाई थी।
हेमंत सरकार को घेरने के लिये विधायकों को पैसा का ऑफर देने में मुख्य भूमिका इसी का है।बंगाल पुलिस के सूत्रों का दावा है सीआईडी की एक टीम बुधवार को दिल्ली के साउथ कैम्पस इलाके में स्थित सिद्धार्थ मजूमदार के घर छापेमारी करने पहुंची। कोर्ट से वारंट होने के बावजूद स्थानीय पुलिस ने सीआईडी की टीम को घर के अंदर घुसने नहीं दिया।बंगाल पुलिस के इन आरोपों पर दिल्ली पुलिस ने अभी प्रतिक्रिया नहीं दी है।
पश्चिम बंगाल पुलिस सुबह 6 बजे ही आरोपी के लोकेशन पर पहुंच गई थी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने इस दौरान पाया कि CrpC 96 के तहत सर्च ऑपरेशन नहीं किया जा सकता है।इसके अलावा सीआईडी की टीम ने दिल्ली पुलिस के संबंधित थाना या अन्य पुलिस अधिकारियों को सर्च ऑपरेशन के बारे में सूचित नहीं किया था।
कोलकाता में हुए कैश कांड की जांच और सूत्रधार से पूछताछ लिए कोलकाता से पुलिस दिल्ली गई थी जहां दिल्ली पुलिस ने कोलकाता पुलिस को जांच से रोक दिया।इस पर झारखंड बीजेपी विधायक रणधीर सिंह ने कहा कि इस कांड की जांच सीबीआई से हो क्योंकि इसमें के तार कई राज्यों के जुड़े हुए हैं।सीआईडी से इस मामले की जांच नहीं हो पाएगी।
इरफान अंसार के पिताजी ने भी सीबीआई जांच की मांग की है।वहीं बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने कहा कि देश की पुलिस चाहे किसी भी राज्य में जांच के लिए जाती है तो उसे जांच करने देना चाहिए। कोलकाता में जो घटना हुई है उसकी जांच के लिए अगर कोई पुलिस दिल्ली या कोलकाता आती है तो उसे रोकना नहीं चाहिए।
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