43 विद्यालयों के प्रधानाचार्य एवं प्रबंध कारिणी समिति के सदस्य मौजूद रहे
सरस्वती शिशु मंदिर उच्च विद्यालय, सरायकेला के शांतिकुंज में रविवार को विभाग स्तरीय समिति सदस्य सम्मेलन आयोजित किया गया। उक्त सम्मेलन में संगठन मंत्री उत्तर-पूर्व क्षेत्र ख्यालीराम, प्रदेश सचिव अजय कुमार तिवारी, जमशेदपुर विभाग के विभाग प्रमुख तुलसी प्रसाद ठाकुर, गुमला के विभाग प्रमुख अखिलेश कुमार, हजारीबाग विभाग प्रमुख ओम प्रकाश सिन्हा, जमशेदपुर विभाग के 43 विद्यालयों के प्रधानाचार्य एवं प्रबंध कारिणी समिति के सदस्य बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए। विद्यालय के प्रधानाचार्य पार्थसारथी आचार्य, समिति के अध्यक्ष सिद्धार्थ शंकर सिंह देव एवं सचिव रमानाथ आचार्य ने उपस्थित अधिकारियों को श्रीफल तथा अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया।
सामूहिक प्रयत्न से ही विद्यालय का विकास संभव- अजय कुमार तिवारी
प्रदेश सचिव अजय कुमार तिवारी ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने ज्ञान के तीनों पक्ष शैक्षणिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा, “हम सभी के साथ समदर्शी भाव रखते हैं। आचार्य दीदी जी के आत्मीय भाव से भैया-बहनों का समुचित विकास संभव होता है। सभी के सामूहिक प्रयत्न से ही विद्यालय का विकास संभव होता है। इस क्रम में पहले सत्र में विद्यालय के प्रधानाचार्य का एवं समिति सदस्यों की अलग-अलग बैठक आयोजित की गई। विद्यालय के उत्कृष्ट संचालन के संबंध में प्रधानाचार्य एवं समिति सदस्यों ने अपने अपने विचार प्रस्तुत किए।
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बच्चों की वक्तव्य कला का विकास करना, पठन-पाठन की गुणवत्ता में और अधिक सुधार करना, जो विद्यालय आठवीं तक संचालित हैं, उन्हें दसवीं तक कैसे आगे बढ़ाया जाए, इस पर विचार, क्षेत्रीय स्तर पर नीति निर्धारण कर शिक्षा देने की व्यवस्था, पठन-पाठन के साथ-साथ खेलकूद प्रतियोगिता का भी आयोजन, विद्यालय की स्थिति का आकलन आदि अनेकानेक विषयों की चर्चा की गई।
विद्यालय के हरेक गतिविधि का असर समाज पर पड़ता है- ख्यालीराम
इस अवसर पर उपस्थित विद्यालयों के प्रधानाचार्यों ने अपने- अपने विद्यालय के वृत्त प्रस्तुत किए। संगठन मंत्री उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के ख्यालीराम ने कहा, “विद्यालय सही तरह से चले, इसकी जिम्मेदारी प्रबंध कारिणी समिति की है। समय-समय पर समिति को विद्यालय का निरीक्षण करना चाहिए। हमारी जिम्मेदारी स्वच्छता, अनुशासन, शौचालय की स्थिति, जल निकासी की व्यवस्था आदि बुनियादी बातों से लेकर होनी चाहिए। विद्यालय सामाजिक चेतना का केंद्र कैसे बने, इस पर भी हमें विचार चिंतन करने की जरूरत है। विद्यालय के हरेक गतिविधि का असर समाज पर पड़ता है। इसलिए विद्यालय और समाज आपस में जुड़े रहते हैं। विद्यालय को समाज के साथ जोड़ने की जिम्मेदारी हमारी होनी चाहिए।“
उन्होंने कहा कि हर एक विद्यालय का अपना इतिहास लिखित रूप में मौजूद होना चाहिए। इससे आने वाली पीढ़ी को सहायता मिलेगी। विद्यालय अच्छी तरह से सही गति से चले इसकी जिम्मेदारी सभी की होनी चाहिए। अंत में धन्यवाद ज्ञापन गुमला विभाग के विभाग प्रमुख अखिलेश कुमार ने किया।
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शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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