प्रवर्तन निदेशालय ने झारखंड के साहेबगंज और पाकुड़ से हुए पत्थर, गिट्टी और मिट्टी की ढुलाई का तीन साल का ब्योरा रेलवे से मांगा है. ईडी ने तीन साल में निर्गत किये गये वाहन चालान की भी जानकारी मांगी है. ईडी की इस कार्रवाई को काफी अहम माना जा रहा है. न्यूज 11 भारत की खबर का यह असर है. न्यूज 11 भारत ने दिखलाया था कि कैसे ढाई साल में संताल परगना में 11212 माइंस डीलरों को लाइसेंस निर्गत किया गया था. इसमें 5029 ट्रेडर लाइसेंस, 1377 स्टोरेज डीपो लाइसेंस और 4806 प्रोसेसिंग यूनिट लाइसेंस दिया गया था. इसके अलावा 1.97 लाख से अधिक वाहनों के चालान भी दिये गये थे.
रेलवे को मिले थे डिस्पैच के 697 लाइसेंस
झारखंड सरकार की तरफ से 1377 स्टोरेज डिपो का लाइसेंस दिया गया है. इसमें रेलवे से स्टोन चिप्स और अन्य खनन उत्पादों को डिस्पैच करने का 697 लाइसेंस है. जबकि 591 लोगों को स्टोन चिप्स, लौह अयस्क खदान और अन्य खनिजों के प्रोक्यूरमेंट के लिए लाइसेंस दिये गये हैं. सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि स्टोरेज और भंडारण को छोड़ 4806 प्रोसेसिंग इकाईयां हैं, जहां साइज स्टोन चिप्स, आयरन और चिप्स की विभिन्न आकारों में कटाई की जाती है. पत्थर के लिए 197,564 वाहनों का उपयोग झारखंड में हो रहा है. इसमें 42451 ऐसे वाहन हैं, जिनका व्हीकल पिन जेनरेट कर दिया गया है.
संताल परगना के चार जिलों से 60 लाख का चालान
खान एवं भूतत्व विभाग की बात करें, तो राज्यभर में परिवहन के लिए 262950 ई परमिट जारी किये गये हैं. वहीं 3.24 करोड़ से अधिक ई-चालान जारी किया गया है. राज्य में निबंधित दो लाख वाहनों से मालों की ढुलाई की जाती है, जिसके लिए राज्यभर में 745 वे-ब्रिज बनाये गये हैं और 818 से अधिक ट्रांसपोर्टरों को खान एवं भूतत्व विभाग से जोड़ा गया है. आपको यह बता दें कि जिस संताल परगना का नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में है. वहां के पाकुड़ में 24.68 लाख ई-चालान जारी किया गया है. साहंबगंज जिले में 27.80 लाख ई-चालान जारी किया गया है. देवघर जिले में 7.67 लाख ई चालान जारी किया गया है. वहीं गोड्डा में 3.58 लाख चालान जारी किया गया है. सिर्फ चार जिलों में ही 60 लाख से अधिक ई-चालान जारी किया गया है.
सरयू ने 5 साल का ब्योरा मांगने का किया आग्रह
निर्दलीय विधायक सरयू राय ने साहेबगंज और पाकुड़ जिले से हुए गिट्टी, पत्थर के चालान का तीन वर्ष का हिसाब-किताब सार्वजनिक करने को कहा है. उन्होंने कहा है कि तीन वर्षों में अवैध चालान से गिट्टी, पत्थर, मिट्टी की ढुलाई का ब्योरा प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) ने मांगा है. ईडी की तरफ से रेलवे से यह जानकारी मांगी गयी है. उन्होंने कहा है कि हेमंत सोरेन के दो वर्ष और एक वर्ष पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार के कार्यकाल में अवैध ट्रांसपोर्टिंग जोर-शोर से हुई है. ईडी को पांच वर्ष का हिसाब-किताब रेलवे से मांगना चाहिए. इससे अवैध लीज खदानों का क्रॉस कनेक्शन का पता चलेगा. इतना ही नहीं राजनेताओं, पत्थर माफिया और खनन माफिया के गंठजोड़ की कहानियां भी सामने आयेंगी.
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