राजस्थान में भले ही चुनाव में अभी वक्त हो, लेकिन भाजपा के लिए सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर नहीं बना पाना बड़ी चुनौती बन रहा है। 2018 में गहलोत सरकार के सत्ता पर काबिज होने के बाद जिला परिषद के चुनावों को छोड़कर सभी चुनावों में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है।
विधानसभा उपचुनाव हो या फिर राज्यसभा चुनाव हर समय सीएम गहलोत का जादू देखने को मिला है। केंद्र से लेकर राज्य तक के भाजपा के नेताओं के माथे पर चिंता सता रही है कि कांग्रेस सरकार को साढ़े तीन साल से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है कि लेकिन सत्ता विरोधी लहर नहीं बन पा रही है। राजस्थान में पिछले 30 साल से सियासी ट्रेड रहा है कि 5-5 साल भाजपा और कांग्रेस राज करती रही है।
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