झारखंड के आईएएस अधिकारियों का मन वर्तमान झामुमो, कांग्रेस और राजद गंठबंधन की सरकार से डोल गया है. अधिकारियों में ईडी और झारखंड हाईकोर्ट में चल रहे तीन मामलों को लेकर असमंजस की स्थिति बन गयी है. ईडी की एक महीने से अधिक की कार्रवाई के बाद यह समझ में नहीं आ रहा है कि बड़ी परियोजनाओं के काम शुरू किये जायें अथवा नहीं. सभी कार्य विभागों वर्क्स डिपार्टमेंट के प्रमुखों ने फिलहाल किसी तरह का बड़ा निर्णय लेने पर मौखिक रोक लगा दी है.
इसकी वजह से 73 सौ करोड़ का काम फंस गया है. 6 मई 2022 के बाद से ऐसा हुआ है. इस दिन आइएएस पूजा सिंघल के 25 की ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की थी. उसके बाद झारखंड के क्षेत्रीय कार्यालय में जिला खनन पदाधिकारी, जिला परिवहन पदाधिकारी, कई बिल्डर तथा कई अन्य को लगातार बुलाया जा रहा है.
छोटे बड़े काम रुके
जानकारी के अनुसार, जल संसाधन, पेयजल और स्वच्छता विभाग, पथ निर्माण विभाग, नगर विकास विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, वन और पर्यावरण विभागों की निविदाएं फंस गयी हैं. सिर्फ जल संसाधन विभाग में ही 26 सौ करोड़ का काम शुरू नहीं हो पा रहा है. जल संसाधन विभाग में देवघर के मसलिया में पाइपलाइन सिंचाई परियोजना का 13 सौ करोड़ का काम एल-1 होने के बाद भी एलएनटी को नहीं मिल पा रहा है. काम को फिलहाल स्थगित कर के रखा गया है. इसके अलावा 12 सौ करोड़ के अन्य छोटे काम भी रूक गये हैं. इसी प्रकार पेयजल और स्वच्छता विभाग में ग्रामीण जलापूर्ति योजना, हर घर नल जल योजना का 17 सौ करोड़ रुपये का काम फंस गया है.
इतना ही नहीं नगर विकास विभाग में 110 करोड़ से अधिक का स्मार्ट सिटी परिसर में मंत्रियों का बंगला, स्मार्ट सिटी कैंपस में जमीन की निलामी भी रूक गयी है. इसमें सिर्फ 11 प्लाटों की ही निलामी हुई है. स्मार्ट सिटी का दो हजार करोड़ रुपये जिसमें, एलएनटी, शापूरजी पालोनजी काम कर रही है. उसका काम भी धीमा हो गया है. नगर विकास विभाग में जिंदल, नागार्जुन सरीखी कंपनी भी काम कर रही है. जो फिलहाल रूक गयी है.
दुमका वासुकीनाथ के एनएच का 148 करोड़ का पथ भी रूक गया
पथ निर्माण विभाग में देवघर से लेकर दुमका वासुकीनाथ के एनएच का 148 करोड़ का पथ भी रूक गया है. संवेदक का चयन होने के बाद भी काम शुरू नहीं हो पाया है. अगले महीने से श्रावणी मेला भी दो साल बाद शुरू होने वाली है. इसके अलावा राजधानी रांची के रातू रोड के इलीवेटेड फ्लाइओवर समेत अन्य कार्य भी रूक गये हैं. ग्रामीण कार्य विभाग में 200 करोड़ से अधिक का काम इसी संशय की स्थिति में रूक गया है. अब मानसून भी शुरू हो रही है. ऐसे में सरकार की विकास से संबंधित योजनाएं अक्तूबर तक प्रभावित हो जायेंगी. वैसे भी बालू, ईंटा और अन्य सामग्रियों के नहीं मिलने से भी कई कार्य रूके हुए हैं.
किन विभाग का काम रूका
- जल संसाधन विभाग 2600 करोड़
- नगर विकास विभाग 2000 करोड़
- पथ निर्माण विभाग 500 करोड़
- पेयजल और स्वच्छता विभाग 1700 करोड़
- ग्रामीण कार्य विभाग 300 करोड़
- ग्रामीण विकास विभाग 200 करोड़
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