राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव अजय प्रकाश साहनी जी को एक पत्र लिखा है , जिसमें लिखा है कि एक नाबालिग ने पबजी खेलने से रोकने पर अपनी मां की गोली मारकर हत्या कर दी।
पत्र में आगे लिखा है कि यह आयोग की समझ से अलग है कि भारत में एक प्रतिबंधित खेल आज भी नाबालिगों के उपयोग के लिए उपलब्ध है जिसे भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित किया गया है।
पत्र में अनुरोध किया गया है कि आयोग को ऐसी घटनाओं को लेकर की गई कार्रवाई के बारे में सूचित किया जाए और दस दिनों के अंदर ऐसे खेलों की सूची प्रदान की जाए जो नाबालिगों द्वारा उपयोग की जा रही हैं। लखनऊ में एक 16 साल के बच्चे को पबजी गेम खेलने से रोकने पर मां की जान लेने वाले मामले पर निर्मला पटेल ने कहा कि यह गेम पूरी तरीके से बैन होना चाहिए ।
साथ ही माता-पिता से भी अनुरोध है कि वह बच्चों के सामने अपना मोबाइल लेकर दिनभर न बैठें । बच्चों पर भी ध्यान दें । जब मोबाइल नहीं था, तो बच्चे टॉप करते थे । उन्होंने कहा कि घरों में देखा जाए, तो मां अलग मोबाइल लेकर बैठी रहती हैं । पिता अलग मोबाइल लेकर बैठा रहता है । ऐसे में बच्चा अकेला पड़ जाता है और उल्टा सीधा गेम खेलने लगता है ।
इस मामले के सामने आने के बाद फिर से कई लोग PUBG गेम को बैन करने की बात कह रहे हैं. जब कि इस गेम को भारत में साल 2020 में ही बैन कर दिया गया था । ऐसे में सवाल ये उठता है कि बैन होने के बाद ये गेम देश में कैसे खेला जा रहा है? दरअसल, गेम बैन होने के बाद भी कई यूजर्स VPN की मदद से पबजी भारत में खेलने लगे ।
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