राँची हिंसा को पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बताया कमजोर नेतृत्व का परिणाम, कहा- हिंसा में पीएफआई की भूमिका से इनकार नही किया जा सकता।
रांची में हुई हिंसा के पीछे पीएफआई के हाथ से इनकार नहीं किया जा सकता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आगाह करने के बावजूद हेमंत सरकार ने किसी तरह की तैयारी नहीं की। इसका नतीजा हुआ कि राजधानी राँची में उपद्रवी घंटों उत्पात मचाने में सफल रहे। मंदिरों पर हमले हुए और पुलिस कुछ नहीं कर पाई। ऐसे अक्षम मुख्यमंत्री को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए और अपनी पार्टी से किसी वरिष्ठ और सक्षम व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए।
उपरोक्त बातें भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कही
शनिवार को जारी प्रेस-विज्ञप्ति में पूर्व सीएम रघुवर दास ने हेमंत सरकार को कमजोर और अक्षम मुख्यमंत्री बताते हुए कहा कि हमारे समय भी असामाजिक तत्वों द्वारा राजधानी राँची का माहौल खराब करने का प्रयास किया गया था, लेकिन मैंने खुद मोर्चा संभाला और शहर की सड़कों पर उतरकर स्थिति को नियंत्रण में किया था। उन्होंने कहा कि सरकार केवल कार्यालय में बैठकर और आदेश देकर नहीं चलाई जाती है।
लोकसेवक के दायित्व का पालन करते हुए कभी मोर्चे पर भी जाना पड़ता है। लेकिन ऐसा लगता है कि वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को राज्य की जनता के दुःख-दर्द से कोई सरोकार नहीं है। इस तरह की घटना से नुकसान हमेशा समाज के गरीब तबके के लोगों का ही होता है। श्री दास ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार के सत्ता मे आने के बाद से आये दिन राज्य मे असामाजिक तत्वों के द्वारा इस तरह की घटना को अंजाम दिया जा रहा है, पहले लोहरदगा और अब राँची।
उन्होंने कहा कि राज्य मे भ्रष्टाचार ,अवैध माईनिंग, कोयला और अवैध बालू खनन चरम पर है और कारवाई के नाम पर सरकार वैसे अधिकारियों का तबादला करती है जो असमाजिक तत्वों के खिलाफ कारवाई करते है। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सलाह देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी केवल टीवी पर बयान देने से सरकार नहीं चलती है। सरकार चलाना आपके बुते की बात नहीं है, अतः राज्यहित में ऐसे अक्षम मुख्यमंत्री को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए और अपनी पार्टी से ही किसी वरिष्ठ और सक्षम व्यक्ति को राज्य की कमान सौंप देनी चाहिए।
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