झारखंड में पहली बार ग्रीन इलेक्शन होगा. मांडर उपचुनाव से ग्रीन इलेक्शन की शुरुआत होगी. अब सवाल यह है कि आखिर ग्रीन इलेक्शन है क्या? दरअसल मांडर विधानसभा उपचुनाव को लेकर नामांकन की प्रक्रिया जारी है. 6 जून के 3.00 बजे तक नामांकन किया जा सकता है. राजनीतिक पार्टियां व चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी नामांकन करने के साथ अपनी तैयारी में व्यस्त हैं. दूसरी ओर रांची जिला प्रशासन भी पूरी तैयारी कर रही है. इस बार के उपचुनाव में जो सबसे अनोखी चीज नजर आ रही है वह है ग्रीन इलेक्शन.
जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह रांची डीसी छवि रंजन को दिया निर्देश
दरअसल मंत्रिमंडल निर्वाचन विभाग ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह रांची डीसी छवि रंजन को निर्देश दिया है कि ग्रीन इलेक्शन के रूप में आयोजित किया जाए. सरकार के अवर सचिव देवदास दत्ता ने डीसी को पत्र लिखकर कहा है कि मांडर विस उपचुनाव को सिंगल यूज प्लास्टिक फ्री व ग्रीन इलेक्शन के रूप में आयोजित करने का निर्णय लिया गया है. इस पर रांची जिला प्रशासन ने तैयारी भी शुरू कर दी है. निर्वाचन कार्य में इसका असर भी नजर आने लगा है.
उपनिर्वाचन कार्यालय रांची में एक भी प्लास्टिक का बोतल (सिंगल यूज प्लास्टिक) का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है. इतना ही नहीं चुनाव कार्य में लगे कर्मियों के लिए खाना भी पैकेट में नहीं दिया जा रहा है. उनके लिए बुफे सिस्टम से खाना खिलाया जा रहा है. फूड स्टॉल पर लोग जाकर खाना ले रहे हैं. पानी पीने के लिए प्लास्टिक नहीं, मोटे कागज से बने गिलास का इस्तेमाल किया जा रहा है.
बूथ पर भी दिखेगा बदलाव
पोलिंग टीम को बूथ पर वोटिंग कराने के लिए भेजे जाने वाली सामग्री को आम तौर पर पाॅलीथीन में दिया जाता है. मगर जानकारी के अनुसार ग्रीन इलेक्शन के तहत इस बार प्लास्टिक से बने किसी भी सामान का इस्तेमाल नहीं होगा. यहां तक की वोट देने के बाद ऊंगली में स्याही का निशान लगाने के लिए प्लास्टिक के बर्ड का नहीं, लकड़ी के बर्ड का इस्तेमाल किया जाएगा. बताया जा रहा है कि सबसे बड़ी चुनौती पोलिंग टीम को खाना खिलाने को लेकर आएगी. पहले उन्हें फूड पैकेट जिला प्रशासन की ओर से उपलब्ध कराया जाता था. मगर इस बार ग्रीन इलेक्शन के तहत बूथ पर भी सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं होना है।.ऐसे में पोलिंग टीम को खाना खिलाने से लेकर उनके लिए पानी कैसे उपलब्ध कराया जाएगा यह भी एक बड़ी चुनौती होगी.
प्रत्याशी भी नहीं कर सकेंगे प्लास्टिक का इस्तेमाल
ग्रीन इलेक्शन के तहत चुनाव कार्य में लगे कर्मियों को खाना खिलाने से लेकर उनको दिए जाने वाले सामान में भी प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है. वहीं, चुनाव कार्य में इसका इस्तेमाल प्रत्याशी भी नहीं करेंगे. ऐसा करने वाले प्रत्याशियों पर कार्रवाई भी होगी। दरअसल इसको लेकर सदर एसडीओ दीपक दूबे ने निर्देश जारी किया है कि प्रदूषण फैलाने वाले प्रचार सामग्रियों यानी प्लास्टिक/पॉलीथीन से बने पोस्टर, बैनर का इस्तेमाल राजनैतिक प्रचार-प्रसार के करने पर रोक है. मतलब प्लास्टिक के झंडे, बैनर आदि का प्रयोग प्रत्याशी के द्वारा नहीं किया जा सकेगा.
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