“एक पैड, एक पेड़” अभियान की जमकर हुई सराहना, अभियान बन रहा देशभर में प्रेरणा का विषय
माहवारी व महिला स्वास्थ्य को लेकर वैश्विक स्तर पर गहराई से काम करने की आवश्यकता
विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस के मौके पर माहवारी स्वच्छता शिक्षा के मुद्दे पर काम करने वाली सामाजिक संस्था “निश्चय फाउंडेशन” एवं मासिका महोत्सव के तत्वावधान में इट्स वीमेंस प्राइड 5.0 कार्यक्रम का आयोजन ऑनलाइन किया गया। कार्यक्रम में झारखण्ड, बिहार, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात, दोहा एवं अफ्रीका से माहवारी स्वच्छ्ता की दिशा में कार्य कर रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। सभी ने अपने अनुभवों एवं कार्य को एकदूसरे के साथ साझा करते हुए माहवारी एवं महिला स्वास्थ्य की दिशा में वैश्विक स्तर पर और भी गहराई से काम करने की आवश्यकता बताई।
कार्यक्रम के दौरान ‘सस्टेनेबल मेंस्ट्रुएशन’ रहा चर्चा का केंद्र बिंदु
चर्चा के दौरान सस्टेनेबल मेंस्ट्रुएशन और महिलाओं के बीमारियों पर विस्तार से बात की गई। कार्यक्रम में दोहा से जुड़ी मीतू थोपलो ने बताया कि “निश्चय” के द्वारा लगातार किये जा रहे कार्य से बड़े पैमाने पर जागरूकता फैली है। संस्था के द्वारा शुरू किए गए सभी अभियान उनकी प्रेरणा का विषय है। वहीं जमशेदपुर की मधु सिंह ने बताया कि पैडमैन तरुण के अभियान से वह इतनी प्रेरित महसूस करती हैं कि महिलाओं के गर्व से जुड़े मुद्दे पर वे भी कार्य शुरू करने को प्रेरित हुई हैं।
Women’s day 2022 Special Program in Workers College jamshedpur Organised By Mashal News |
सैनिटरी पैड का इस्तेमाल अब पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी एक बड़ा चिंता का विषय
महिला मुद्दों पर संवेदनशील रिपोर्टिंग की बदौलत प्रतिष्टित चमेली देवी जैन पुरस्कार विजेता लखनऊ की नीतू सिंह एवं पटना की रचना प्रियदर्शनी ने महिला मुद्दों पर अपने व्यापक अनुभवों को साझा करते हुए बताया की देश में एक बड़ा तबका आज भी सैनिटरी पैड जैसी चीज़े से दूर है, गरीबी और जागरूकता का अभाव इसके अहम कारण हैं। वहीं सैनिटरी पैड का इस्तेमाल अब पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी एक बड़ा चिंता का विषय बनता जा रहा है। इस स्थिति में सूती कपड़ो से बने गुणवतापूर्ण रियूजेबल पैड का इस्तेमाल को बढ़ावा देना अब आवश्यक है। चर्चा के दौरान सैनिटरी पैड के उचित निस्तारण एवं पर्यावरण के प्रति लड़कियों के जागरूक करने वाले “एक पैड, एक पेड़” अभियान की जमकर सराहना हुई। वही प्रधानाध्यापक साजिद अहमद ने माहवारी स्वच्छ्ता अभियान के लगातार प्रयासों के माध्यम से विद्यालय की किशोरियों एवं ग्रामीण महिलाओं में बदलाव की प्रेरक कहानी विस्तार से बताई।
कार्यक्रम के दौरान लक्ष्मी मुंडा, पूजा महतो एवं अन्य बच्चियों ने कविता एवं अपने कार्य के अनुभव के माध्यम से महिलाओं के प्राकृतिक प्रक्रिया एवं समाज मे फैली शर्म के बारे में अपनी बात रख सबकी शाबासी पाई। लक्ष्मी , पूजा जैसे हज़ारों बच्चे निश्चय अभियान के माध्यम से अपनी सोच को बेहतर बनाने में सफल रहे है।
राहत हेतु पीरियड लीव बेहद आवश्यक-पूरबी घोष
वरिष्ठ समाजसेवी पूर्वी घोष ने महिलाओं के लिए पीरियड लीव के मुद्दे पर चर्चा की। बताया की पीरियड के दिनों में महिलाओं को काफी शारीरिक परेशानियों से गुजरना पड़ता है। इससे राहत हेतु पीरियड लीव बेहद आवश्यक है। इस दौरान बनारस की सामाजिक संस्था मुहिम के पीरियड लीव पहल के बारे में भी चर्चा हुई। योग शिक्षिका पूजा कुमारी ने पीरियड के समय महिलाओं को राहत हेतु योग अभ्यास एवं सही पोषण के बारे में बताया। वही नीलम शर्मा ने मानसिक स्वास्थ्य, सर्विकल एवं स्तन कैंसर से बचाव की बात की।
“निश्चय” ने मनाया पांचवा स्थापना दिवस, माहवारी स्वच्छ्ता व महिला स्वास्थ्य जागरूकता क्षेत्रीय नेटवर्क का हुआ गठन
“निश्चय” की स्थापना की पांचवी वर्षगांठ पर इसके संस्थापक तरुण कुमार ने गांवों एवं ग्रामीण विद्यालयों में बच्चों को जागरूक करने हेतु चलाये जा रहे अभियान व पद्धति के बारे में विस्तार से बताया। माहवारी जागरूकता हेतु संस्था के द्वारा जनभागीदारी से गिफ्ट सैनिटरी पैड्स फ़ॉर रूरल गर्ल्स, विद्यालयों में पैडबैंक, प्रोजेक्ट पैडह्यूमन, एक पैड – एक पेड़ इत्यादि अभियानों के माध्यम से बड़े पैमाने पर जागरूकता फैली है। अब काफी संख्या में समाजसेवी एवं संस्थाएं माहवारी स्वच्छ्ता के मुद्दे पर काम करने के लिए आगे आये हैं। झारखण्ड, बिहार एवं पड़ोसी राज्यों के कई सामाजिक कार्यकर्ता निश्चय अभियान से जुड़कर प्रेरित महसूस करते हैं।
अगले दो वर्षों में लगभग 500 विद्यालयों व सुदूर गांवों में चलेगा जागरूकता अभियान-तरुण कुमार
प्रदेश के अन्य सुदूर इलाकों में भी माहवारी स्वच्छ्ता के अहम मुद्दे पर किशोरियों एवं महिलाओं की जागरूकता हेतु बेहतर तरीके से कार्य किया जा सके, इसी उद्देश्य से माहवारी स्वच्छ्ता एवं महिला स्वास्थ्य जागरूकता क्षेत्रीय नेटवर्क का गठन किया गया। नेटवर्क के माध्यम से आगामी दो वर्षों में प्रदेशों के लगभग 500 विद्यालयों व सुदूर गांवों में जागरूकता पर कार्य करने हेतु प्रयास किया जाएगा। अभियान के दौरान बच्चों एवं महिलाओं को माहवारी स्वास्थ्य के अलावा महिलाओ से जुड़ी बीमारियां, गुड टच, बैड टच, महिलाओं व बच्चों से जुड़े अधिकार एवं अन्य मुद्दों पर जागरूकता फ़ैलाने का प्रयास किया जाएगा। इस दौरान गिरिडीह से प्रिया कुमारी, हाजीपुर से सरिता राय, पूर्णिया से शंभु सिंह एवं अन्य ने प्रमुखता से अपने अनुभव रखे।
माहवारी स्वच्छ्ता की दिशा में “निश्चय” प्रयासों पर आधारित फिल्में दिखाई गईं
कार्यक्रम के दौरान माहवारी स्वच्छ्ता की दिशा में “निश्चय” प्रयासों पर आधारित फिल्में द बेस्ट गिफ्ट, पैडबैंक – द बिगिनिंग ऑफ चेंज, द कैंपेन ऑफ टफ टाइम का भी प्रदर्शन किया गया। इसके माध्यम से कार्यक्रम में विभिन्न इलाकों से जुड़े स्वयंसेवकों, बच्चों एवं अन्य को संस्था के पांच सालों के सफर को विस्तार से समझने में मदद मिली। माहवारी स्वच्छ्ता के मुद्दे पर समर्पित इट्स वीमेन्स प्राइड 5.0 में लगभग 60 प्रतिभागियों ने अपनी भागीदारी निभाई। कार्यक्रम का संचालन तरुण कुमार ने किया।
कार्यक्रम को लिंक https://youtu.be/gotfK-12Uko पर जाकर देखा जा सकता है।
शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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