कैबिनेट बैठक में सरकार ने Hindustan Zinc कंपनी में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचेगी | हिंदुस्तान जिंक में वेदांता की 64.29 फीसदी हिस्सेदारी है |
विनिवेश से 65000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य
बता दें कि शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया पवन हंस आईडीबीआई बैंक और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड की स्टैटजिक सेल में देरी हो रही है. सरकार ने वित्त वर्ष 2023 के लिए 65,000 करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य का अनुमान लगाया है |
केंद्र ने चालू वित्त वर्ष में अब तक विनिवेश के माध्यम से लगभग 23,575 करोड़ रुपये जुटाए हैं. इसमें से 20,560 करोड़ एलआईसी के आईपीओ से और 3,000 करोड़ सरकारी एक्सप्लोरर ONGC में 1.5% की बिक्री से है |
बीपीसीएल का निजीकरण रूका
सरकार ने भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) के प्राइवेटाइजेशन की प्रक्रिया को फिलहाल रोक दिया है | बीपीसीएल की रणनीतिक बिक्री को जियो पॉलिटिकल टेंशन के मद्देनजर निवेशकों की कम प्रतिक्रिया के कारण बंद कर दिया गया. SCI का विनिवेश भी समय से पीछे चल रहा है |
पवन हंस की बिक्री पर रोक
सरकार ने पिछले महीने 29 अप्रैल को हेलीकॉप्टर कंपनी पवन हंस (Pawan Hans) में अपनी 51 फीसदी हिस्सेदारी स्टार9 मोबिलिटी को बेचने की मंजूरी दी थी. लेकिन कंपनी के बैकग्राउंड पर उठे सवालों के बाद सरकार ने पवन हंस की बिक्री पर रोक लगा दी. इसमें सरकारी कंपनी ओएनजीसी (ONGC) की 49 फीसदी हिस्सेदारी है |
LIC में हिस्सेदारी बेचकर जुटाए 20,560 करोड़
सरकार ने देश की सबसे बड़ी सरकारी कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में अपनी 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 20,560 करोड़ रुपये जुटाए हैं. एलआईसी का आईपीओ बहुत कमजोर रहा. 4 मई को यह सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था और 9 मई को बंद हुआ था. 17 मई को इसकी लिस्टिंग 9 फीसदी डिस्काउंड के साथ हुई थी | इसके लिए इश्यू प्राइस 949 रुपए का था. यह 818 रुपए के स्तर तक फिसली है. 30 मई को कंपनी मार्च तिमाही के लिए नतीजे की घोषणा करेगी |
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