अभी तक हमलोग जानते हैं की शाहजहाँ ने 17वीं सदी में अपनी बेगम मुमताज की याद में ताजमहल बनवाया था. 1560 के आसपास दिल्ली में बने हुमायूँ के मक़बरे की तर्ज़ पर ताजमहल बनवाया गया था. ताजमहल के निर्माण का काम जनवरी 1632 में शुरू हुआ था और यह 1655 में बनकर तैयार हुआ. इस की चारों मीनारें 139 फ़ीट ऊँची हैं और सबके ऊपर एक छतरी लगाई गई है .
याचिका में यह माँग भी की गई है कि पुरातत्व विभाग को उन बंद कमरों में मूर्तियों और शिलालेखों की खोज करने का भी आदेश दिया जाए.
सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक याचिका डॉ. रजनीश सिंह ने दायर की है जिसमें मांग की गई है कि ताजमहल के ऊपरी और निचले हिस्से में बंद क़रीब 22 कमरे खुलवाए जाएं. याचिका में यह माँग भी की गई है कि पुरातत्व विभाग को उन बंद कमरों में मूर्तियों और शिलालेखों की खोज करने का भी आदेश दिया जाए. वो अयोध्या के बहरामऊ के रहने वाले हैं. उन्होंने डेंटल साइंस की पढ़ाई की है और भाजपा की अयोध्या ज़िला समिति के सदस्य हैं और मीडिया कोऑर्डिनेटर भी.
याचिकाकर्ता चाहते हैं कि सरकार एक ‘फ़ैक्ट फाइंडिंग कमेटी’ बनाकर जांच करवाए ताकि ‘ताजमहल का सच’ सामने आ सके.
डॉ. रजनीश सिंह ने कहा की मैंने कोर्ट की शरण ली और अनुरोध किया है की आप उन लगभग 20 कमरों को खोल दीजिए. उनके अनुसार, इसके लिए एक बार पुरातत्व विभाग की समिति गठित की जाए और उनकी इंस्पेक्शन रिपोर्ट पब्लिक में आने दिया जाए. ऐसा करने पर यह विवाद हमेशा के लिए ख़त्म हो जाएगा. सबरीमाला में देखा कि वहां जो न्यायालय का हस्तक्षेप हुआ तो विवाद ख़त्म हो गया. ऐसे तमाम विवाद हैं. उसमें न्यायालय ने ही हस्तक्षेप करके उन मामलों को ख़त्म किया है . याचिकाकर्ता चाहते हैं कि सरकार एक ‘फ़ैक्ट फाइंडिंग कमेटी’ बनाकर जांच करवाए ताकि ‘ताजमहल का सच’ सामने आ सके.
याचिका में यह भी दावा किया गया है कि तेजो महालय की ज़मीन 1632 में शाहजहां ने हड़प ली थी .
इस याचिका में कथित ‘तेजो महालय’ का अस्तित्व अतीत में होने का भी दावा किया गया है. याचिका के मुताबिक़ तेजो महालय को 1212 ई में राजा परमर्दिदेव ने बनाया था. बाद में वह मंदिर जयपुर के राजा मानसिंह के नियंत्रण में चला गया और फिर विरासत के रूप में राजा जय सिंह को मिला.याचिका में दावा किया गया है कि ताजमहल और ‘तेजो महालय’ को लेकर हिंदू और मुसलमानों के बीच संघर्ष लगातार चलता रहा है. याचिका में यह भी दावा किया गया है कि तेजो महालय की ज़मीन 1632 में शाहजहां ने हड़प ली. इसमें यह भी कहा गया है कि इतिहासकार पी एन ओक की किताब ‘ताजमहल: अ ट्रू स्टोरी’ तथ्यों के आधार पर ताजमहल को ‘तेजो महालय’ होने का दावा करती है.
हिंदू महासभा के प्रवक्ता और आगरा निवासी संजय जाट ने कहा की तेजो महालय के लिए जो हमारी पहली किरण जगी है, उस पर रोक लगाना प्रशासन की दोहरी मानसिकता दिखाती है. कई बार हमने यहाँ आरती की है. ये हमारी लड़ाई है इस लड़ाई में हमें पहली किरण दिखाई दी है.
Read Also: बिहार : फर्जी आदेश दिखाकर इंजीनियर ने बेच डाली रेल इंजन
Join Mashal News – JSR WhatsApp Group.
Join Mashal News – SRK WhatsApp Group.
सच्चाई और जवाबदेही की लड़ाई में हमारा साथ दें। आज ही स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें! PhonePe नंबर: 8969671997 या आप हमारे A/C No. : 201011457454, IFSC: INDB0001424 और बैंक का नाम Indusind Bank को डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर कर सकते हैं।
धन्यवाद!