चीन ने भारत से कहा है कि उसकी कंपनियों के साथ पक्षपातपूर्ण व्यवहार नहीं होना चाहिए. चीनी कंपनी शाओमी ने आरोप लगाए हैं कि उसके अधिकारियों के साथ अवैध लेनदेन के मामले में पूछताछ के दौरान हिंसा हुई.
भारत में स्मार्टफोन बेचने वाली सबसे बड़ी कंपनी शाओमी ने अदालत में दायर एक हलफनामे में आरोप लगाए थे कि भारतीय प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने कंपनी के अधिकारियों को मार-पीट और जोर-जबर्दस्ती की धमकी दी. प्रवर्तन निदेशालय ने इन आरोपों को गलत बताया था.
क्या है मामला?
यह मामला पिछले महीने का है जब भारत ने शाओमी के स्थानीय बैंक खातों से 72.5 करोड़ डॉलर यानी लगभग 56 अरब रुपये यह कहते हुए जब्त कर लिए कि कंपनी ने रॉयल्टी भुगतान के रूप में विदेश में अवैध तरीके से धन भेजा है. शाओमी इन आरोपों को गलत बताती है. उसका कहना है कि रॉयल्टी के रूप में जो भुगतान किया गया है वह पूरी तरह जायज है.
पिछले हफ्ते एक अदालत ने शाओमी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई पर स्थगन आदेश जारी कर दिया था. मामले की जानकारी रखने वाले कुछ सूत्रों के मुताबिक कर्नाटक हाई कोर्ट ने स्थगन आदेश इस शर्त पर दिया कि शाओमी रॉयल्टी भुगतान आदि के बारे में भारतीय अधिकारियों को सूचित करेगी.
इससे पहले शाओमी के भारत में मुखिया रह चुके मनु कुमार जैन से भी प्रवर्तन निदेशालय ने पूछताछ की थी. जैन अब दुबई में कंपनी के ग्लोबल वाइस प्रेजीडेंट के तौर पर काम कर रहे हैं. पिछले महीने वह भारत में थे. इस बारे में पूछे जाने पर कंपनी ने कहा था, “हम जांच में अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सारी सूचनाएं उपलब्ध करवाई जाएं.”
चीन ने कहा, भेदभाव ना हो
चीनी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता से जब इस बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि चीन अपनी कंपनियों के अधिकारों और हितों का पूरी तरह समर्थन करता है. मीडिया से बातचीत में प्रवक्ता जाओ लीजियां ने कहा, “चीन उम्मीद करता है कि भारत में निवेश और काम करने वालीं चीनी कंपनियों को निष्पक्ष, न्यायपूर्ण और भेदभाव-रहित माहौल उपलब्ध कराया जाएगा. जांच कानून के दायरे में होगी और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों का भरोसा बढ़ाया जाएगा.”
इस बारे में प्रवर्तन निदेशालय या भारत सरकार के प्रवक्ता ने कोई टिप्पणी नहीं की है. शाओमी ने भी फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की है. भारत के स्मार्टफोन बाजार में शाओमी की हिस्सेदारी 24 प्रतिशत से भी ज्यादा है और उसके 1,500 से ज्यादा कर्मचारी हैं.
2020 में लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच तनाव होने के बाद से चीनी कंपनियों को भारत में व्यापार को लेकर कई तरह की मुश्किलें आती रही हैं. उसके बाद से भारत अपने यहां 300 से ज्यादा चीनी ऐप प्रतिबंधित कर चुका है. इस कदम के पीछे सुरक्षा कारणों का हवाला दिया गया. बैन की गईं चीनी ऐप्स में टिक-टॉक भी शामिल है. इसके अलावा भारत ने चीनी कंपनियों के लिए नियमों में भी खासी सख्ती कर दी है. दिसंबर में निदेशालय ने शाओमी समेत कई चीनी कंपनियों पर छापेमारी की थी.
Join Mashal News – JSR WhatsApp Group.
Join Mashal News – SRK WhatsApp Group.
सच्चाई और जवाबदेही की लड़ाई में हमारा साथ दें। आज ही स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें! PhonePe नंबर: 8969671997 या आप हमारे A/C No. : 201011457454, IFSC: INDB0001424 और बैंक का नाम Indusind Bank को डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर कर सकते हैं।
धन्यवाद!