बिहार के पूर्णिया जिले में शिक्षा विभाग का एक नया कारनामा सामने आया है. उर्दू के एक टीचर से मनोविज्ञान विषय की कॉपी जंचवाने का मामला प्रकाश में आया है. उर्दू के शिक्षक ने गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने बताया कि दबाव डालकर उनसे मनोविज्ञान की कॉपी जंचवाई गई है. बिहार शिक्षा विभाग के कारनामे अक्सर ही सामने आते रहते हैं, लेकिन इस उर्दू के टीचर से मनोविज्ञान विषय की कॉपी जंचवाने से दर्जनों छात्रों के भविष्य पर प्रश्नचिह्न लग गया है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिस शिक्षक को मनोविज्ञान सब्जेक्ट का ज्ञान नहीं है, उन्होंने किस तरह से कॉपी जांची होगी और छात्रों को किस आधार पर नंबर दिए होंगे. शिक्षा विभाग के इस रवैये से छात्रों की चिंताएं भी बढ़ गई हैं.
पूर्णिया में छात्रों के भविष्य से किस तरह खिलवाड़ हो रहा है, पूर्णिया कॉलेज में इसका एक जीता जागता उदाहरण सामने आया है. उर्दू के शिक्षक को मनोविज्ञान की कॉपी जांचने की जिम्मेदारी दे दी गई. उर्दू के शिक्षक का कहना है कि उन्हें दबाव देकर मनोविज्ञान की कॉपी जंचवाई गई. बिहार में शिक्षा व्यवस्था पहले से ही बदनाम रही है. इसके बावजूद एक और कारनामा सामने आया है. पूर्णिया कॉलेज के प्रिंसिपल मोहम्मद कमाल ने ऐसा कमाल किया कि छात्रों का भविष्य ही अधर में लटक गया. उर्दू के शिक्षक मोहम्मद मुजाहिद हुसैन को इंटरमीडिएट फाइनल प्रैक्टिकल परीक्षा के मनोविज्ञान की कॉपी जांचने का आदेश जारी कर दिया गया. इसके लिए पत्र जारी कर प्रिंसिपल ने उर्दू के शिक्षक मुजाहिद हुसैन को इंटरनल एग्जामिनर बनाकर मनोविज्ञान की कॉपी जांचने का आदेश दिया गया.
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से शिकायत
इस बाबत कॉलेज के छात्र जदयू के अध्यक्ष राजू मंडल ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर को आवेदन देकर मामले की जांच की मांग की है. राजू मंडल ने कहा है कि बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है. उर्दू के शिक्षक कैसे मनोविज्ञान के कॉपी जांचेंगे? उर्दू शिक्षक मोहम्मद मुजाहिद हुसैन का कहना है कि उन्हें दवाब देकर मनोविज्ञान की कॉपी जांचने का आदेश दिया गया. उन्होंने मना भी किया कि उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है, लेकिन प्रिंसिपल और परीक्षा नियंत्रक के आदेश पर उन्होंने किताब देखकर मनोविज्ञान की कॉपियां जांचीं.
मनोविज्ञान विषय का शिक्षक नहीं
पूर्णिया कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. मोहम्मद कमाल ने बताया कि पूर्णिया कॉलेज समेत आसपास के महाविद्यालयों में मनोविज्ञान को कोई शिक्षक नहीं है. इस कारण उर्दू के शिक्षक मुजाहिद हुसैन को कॉपी जांचने का आदेश दिया गया. प्रिंसिपल ने बताया कि मुजाहिद हुसैन का स्नातक में मनोविज्ञान एक विषय रहा है. उन्होंने कहा कि छात्रहित में यह फैसला लिया गया था. एक उर्दू के शिक्षक को जिस तरह मनोविज्ञान की कॉपी जांचने का आदेश दिया गया, उससे छात्रों के भविष्य पर प्रश्नचिह्न लग गया है.
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