बिहार में अपराध को लेकर सरकार की हो रही फजीहत के लिए जिम्मेवार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ पुलिस मुख्यालय सख्त हो गया है। पुलिस मुख्यालय लापरवाह पुलिस जवानों से लेकर अधिकारियों तक पर नकेल कसने जा रहा है। इसको लेकर डीजीपी एसके सिंघल ने शुक्रवार को अपराध अनुसंधान विभाग के कामकाज की समीक्षा की। इस दौरान डीजीपी सबसे पहले ऐसे पुलिस अनुमंडलों की समीक्षा की, जहां 100 से अधिक मामले जांच के लिए लंबित हैं।
इस दौरान डीजीपी ने 5 हजार लंबित मामलों वाले 15, तीन से पांच हजार लंबित मामलों वाले 6 और दो हजार से तीन हजार लंबित मामलों वाले 8 जिलों की समीक्षा की। बैठक में सबसे अधिक अपराध वाले अलग-अलग चिह्नित 30-30 थानों पर चर्चा हुई। इन थाना क्षेत्रों में अपराध बढ़ने के कारणों पर बात हुई। इसके साथ ही डीजीपी ने बैंक डकैती, लूट, रोड डकैती, आभूषण दुकान और सीएसपी में लूट से जुड़े अपराधियों की लिस्ट तैयार करने का निर्देश दिया है।
अपराधियों की लिस्ट तैयार होने के बाद इस सूची को जिलों में भेजने के बाद अपराधियों की गिरफ्तारी का टास्क वज्र की कंपनी और प्लाटून को दिया जाएगा। इस दौरान डीजीपी ने अपराध से जुड़े अन्य मामलों के तुलनात्मक आंकड़े भी देखे और रेंज, जिला और थानावार अपराध की रोकथाम के लिए CID द्वारा की जा रही कार्रवाई पर चर्चा की गई। बैठक के दौरान डीजीपी एसके सिंघल ने FSL को और बेहतर बनाने के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
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