पूर्व मंत्री और नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को शनिवार को पत्र लिखकर दो दिवसीय विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की है। गोविंद सिंह ने कहा कि प्रदेश में बिजली का संकट गहराता जा रहा है। कोयले की कमी एवं कुप्रबंधन के चलते प्रदेश के ताप विद्युत गृह बंद होने की कगार पर है।
गोविंद सिंह ने कहा कि म.प्र. पॉवर जनरेशन कंपनी के चार पॉवर प्लांटों में से तीन पॉवर प्लांट गंभीर स्थिति में है। संजय गांधी थर्मल पॉवर प्लांट, सतपुड़ा थर्मल पॉवर प्लांट एवं श्री सिंगाजी थर्मल प्लांट की विद्युत उत्पादन की क्षमता कोयले की कमी एवं कुप्रबंधन के कारण आधी रह गई है, जिससे प्रदेश में विद्युत संकट गहरा रहा है। प्रदेश में मांग के अनुपात में पर्याप्त बिजली की उपलब्धता नहीं है, वही प्रदेश सरकार ने विद्युत उत्पादन ने कंपनियों को विगत वर्ष बगैर एक भी यूनिट बिजली लिये 900 करोड़ रूपये का भुगतान कर दिया है।
सिंह ने कहा कि एक ओर कोयले की कमी के चलते राज्य सरकार विदेशी कोयला खरीदने की तैयारी में है जिससे राज्य सरकार का यह दावा खोखला साबित हो रहा है कि प्रदेश में कोयले की कोई कमी नहीं है। राज्य सरकार की विदेशी कोयला खरीदने की तैयारी पर शंका कुशंकाएं उत्पन्न हो रही है। समूचे प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती हो रही है, जबकि बिजली की दरों में लगातार वृद्धि की जा रही है एवं विद्युत उपभोक्ताओं से मनमाने बिजली बिल वसूले जा रहे है।
नेता प्रतिपक्ष ने लिखा कि बिजली की लगातार अघोषित कटौती के चलते विशेषकर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है, उद्योग धंधे प्रभावित हो रहे है एवं किसानों की ग्रीष्मकालीन फसल मूंग एवं सब्जियां सिंचाई के अभाव में नष्ट होने की कगार पर है। विद्युत समस्याओं को लेकर प्रदेश की आम जनता में हाहाकार मचा हुआ है। ऐसी स्थिति में विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाकर विद्युत समस्या पर उत्पन्न स्थिति के संबंध में चर्चा कराया जाना अति आवश्यक है, ताकि विद्युत संकट का समाधान पक्ष-विपक्ष मिलकर निकाल सकें।
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