राज्य सरकारें अपने यहां समय-समय पर शराब की नीतियों में बदलाव करती रहती हैं. नीतियों में बदलाव करके शराब की कीमत या शराब से संबंधित अन्य पहलुओं पर बदलाव करने जाते हैं. इसी कड़ी में महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में शराब की दुकानों को अपग्रेड करने का फैसला किया है.
सरकार के इस फैसले का शराब कारोबारियों ने स्वागत किया है.महाराष्ट्र सरकार ने दुकानों की दो श्रेणियां बनाईमुंबई में द इंटरनेशनल स्पिरिट्स एंड वाइन एसोसिएशन ऑफ इंडिया जो प्रीमियम अल्कोहलिक बेवरेज इंडस्ट्री की एक शीर्ष संस्था है. संस्था ने महाराष्ट्र में शराब की दुकानों को अपग्रेड करने के महाराष्ट्र सरकार के हालिया फैसले का स्वागत किया है. दरअसल महाराष्ट्र सरकार ने दो श्रेणियां बनाई हैं. जिसमें सुपर-प्रीमियम और एलीट आउटलेट्स शामिल हैं.
इसमें सुपर-प्रीमियम स्टोर का क्षेत्रफल 601 वर्गमीटर से अधिक होगा. जबकि एलीट दुकानों का क्षेत्रफल 71 वर्गमीटर और 600 वर्गमीटर के बीच होना चाहिए. शराब दुकानों में ये मिलेगी सुविधाऐसे में आपको जल्द ही महाराष्ट्र में ‘सुपर प्रीमियम’ शराब की दुकानों या बाजारों से वॉक-इन और सेल्फ-सर्विस सुविधाओं के अलावा प्रीमियम शराब ब्रांडों के स्वाद, पेय और व्यापार की सुविधा मिलेगी. लेकिन इसके लिए शर्त ये है कि दुकान का क्षेत्रफल 601 वर्ग मीटर और उससे अधिक होना चाहिए. इसके पीछे सरकार का मकसद बड़ा ग्राहक आधार हासिल करना है.
स्वदेशी शराब
इस तरह से शहर के अंदर लोगों को शराब खरीदने का अनुभव एयरपोर्ट के अंदर मौजूदा शुल्क मुक्त इंम्पोर्टेड शराब बाजारों के समान होगा. राज्य के उत्पाद शुल्क अधिकारियों ने बताया कि इसी तरह से महुआ और हरे काजू कवर (काजू बांड) जैसे फलों और फूलों से बनी उच्च श्रेणी की शराब को उनकी पहले की देशी शराब श्रेणी के बजाय ‘स्वदेशी’ भारतीय निर्मित विदेशी शराब कहा जाएगा और इस प्रकार यह बड़े पैमाने पर उपलब्ध होगी.
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