हमारे सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति और शनि भी गैस के ही विशाल गोले हैं। इनमें ज्यादातर हाइड्रोजन और हीलियम गैस मौजूद होती हैं, जो एक ठोस कोर के चारों ओर घूमती रहती हैं। हल ही में वैज्ञानिकों को ग्रह के अध्ययन से पता चला है कि एक और गैस का विशाल पुंज अपने मेजबान युवा तारे के चारों ओर परिक्रमा कर रहा है। गैस का यह विशाल गोला एक ग्रह है, जो अभी निर्माण के चरण में है।
इस ग्रह की खोज हवाई के एक निष्क्रिय ज्वालामुखी के शिखर के पास स्थित सुबारू टेलीस्कोप (Subaru Telescope) और हबल स्पेस टेलीस्कोप (Hubble Space Telescope) की मदद से की है।
यह ग्रह जो बृहस्पति के द्रव्यमान (Gigantic Jupiter Like Alien Planet) का लगभग नौ गुना बड़ा है। AB Aurigae b नाम का यह ग्रह अभी अपने निर्माण के अहम चरण में है। वैज्ञानिकों को मानना है कि यह ग्रह वर्तमान में अपने गर्भ में है। इस खोज से ग्रहों के निर्माण से संबंधित पहेली को सुलझाया जा सकता है।
सुबारू टेलीस्कोप और नासा-एम्स रिसर्च सेंटर के एस्ट्रोफिजिसिस्ट थायने करी के अनुसार यह अभी भी अपने जन्म की प्रक्रिया में बहुत जल्दी में है। उन्होंने प्रसिद्ध साइंस मैगजीन नेचर एस्ट्रोनॉमी में प्रकाशित अध्ययन में कहा कि सबूत बताते हैं कि गैस का यह विशाल गोला अपने गठन के प्रारंभिक चरण में है। यह गैस और धूल की एक विशालकाल डिस्क में समाया हुआ है, जो ग्रहों को बनाने वाली सामग्री से भरी हुई है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि नए खगोलीय अवलोकन हमारे वर्तमान सिद्धांतों को लगातार चुनौती दे रहे हैं।
यह ग्रह जिस तारे की परिक्रमा कर रहा है वह हमारे सूर्य से लगभग 2.4 गुना अधिक विशाल और लगभग 60 गुना अधिक चमकीला है। यह लगभग 20 लाख साल पुराना तारा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि सूर्य भी अपनी प्रारंभिक अवस्था में एक डिस्क से घिरा हुआ था, इसी से हमारी पृथ्वी समेत दूसरे ग्रहों का जन्म हुआ था। वहीं, वैज्ञानिकों का मानना है कि नए खगोलीय अवलोकन हमारे वर्तमान सिद्धांतों को लगातार चुनौती दे रहे हैं। ऐसे में हमें लगातार खोज की गति को बनाए रखने और शोध पर निरंतर ध्यान देने की जरूरत है।
हमारे सौर मंडल के बाहर लगभग 5,000 ग्रहों की पहचान की गई है।
यह गैसीय ग्रह AB ऑरिगे नाम के एक तारे की परिक्रमा कर रहा है। यह तारा 508 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। प्रकाश वर्ष दूरी मापने की सबसे बड़ी ईकाई है। एक प्रकाश वर्ष में लगभग 95 खरब किलोमीटर होता है। हमारे सौर मंडल के बाहर लगभग 5,000 ग्रहों की पहचान की गई है। लगभग सभी ज्ञात एक्सोप्लैनेट अपने सितारों के चारों ओर उस दूरी के भीतर परिक्रमा करते हैं जो हमारे सूर्य और उसके सबसे दूर के ग्रह नेपच्यून को अलग करती है। लेकिन यह ग्रह सूर्य से नेपच्यून की दूरी से तीन गुना और सूर्य से पृथ्वी की दूरी का 93 गुना दूर चक्कर लगाता है।
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