लीक और ट्रेंड से हटकर फिल्में करने वाले नवाजुद्दीन सिद्धकी की फिल्म ‘हीरोपंती 2’ जल्द आने वाली है | इसके किरदार को लेकर वो अभी से चर्चा में है | फिल्म में उन्होंने लैला का किरदार निभाया है। इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2022 में बातचीत के दौरान उन्होंने खेती, ओटीटी, सेट पर ‘हिंदी’ के उपयोग के साथ साथ बॉलीवुड की फिल्मों के गिरते स्तर और दक्षिण भारतीय फिल्मों के बढ़ते वर्चस्व पर भी बात की |
क्वालिटी फिल्में करते हैं नवाजुद्दीन
अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी एक छोटे से गांव से आते हैं| उन्होंने काफी स्ट्रगल के बाद बॉलीवुड में अपनी जगह और पहचान बनाई | नवाज़ की प्रतिभा और तेज बुद्धि ने उनकी बेदाग अदाकारी से गहरी छाप छोडी है | जब क्वालिटी वाली फिल्मों की बात हो तो नवाजुद्दीन सिद्दीकी का नाम सबसे पहले लिया जाता है|
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बॉलीवुड में क्येया बदलना चाहते हैं नवाज़
‘एंटरटेनमेंट: लोकल फ्लेवर, ग्लोबल रीच’ विषय पर कॉन्क्लेव में बोलते हुए, बॉलीवुड mechanics को बदलने के लिए नवाज़ ने आपनी बात रखी | जब एक्टर से पूछा गया कि वह बॉलीवुड के बारे में क्या बदलना चाहेंगे ? तो उन्होंने ने कहा कि सबसे पहले वह खुद का नाम बदलना चाहेंगे |
सेट पर हिंदी का उपयोग कमोबेश न के बराबर
नवाज़ ने कहा, फिल्म की स्क्रिप्ट रोमन (अंग्रेजी) में आती हैं| वो हिंदी में आए ये मेरी विश है| साथ ही उनका ये भी कहना है कि सेट पर हिंदी का उपयोग कमोबेश न के बराबर है| अपने सिग्नेचर ह्यूमर का उपयोग करते हुए, अभिनेता ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह एक कलाकार के प्रदर्शन को कैसे प्रभावित करता है, जब वे केवल निर्देशकों को आधा-अधूरा’ समझ सकते हैं|
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अभिनेता अकेला रह गया
आगे उन्होंने कहा,”हमारे यहां पर हिंदी फिल्म उद्योग, बॉलीवुड में ऐसा है कि निर्देशक पता नहीं वो किस विषय पर बात कर रहा है| सहायक कुछ और बस आप ये जानते हैं वे अपनी खीर बना रहा| थिएटर से एक अच्छा अभिनेता, जो अंग्रेजी नहीं जानता हो सकता है ऐसे में इधर-उधर देख रहा हो और यह जानने की कोशिश कर रहा हो कि क्या हो रहा है| यह उसका चरित्र है जिसके बारे में वे बात कर रहे हैं, और वह खुद नहीं जानता कि क्या हो रहा है|
फिल्म की स्टोरी मेरे लिए सबसे ज्यादा मायने रखती है
सेक्रेड गेम्स की भारी सफलता के बाद भी उनकी ओटीटी उपस्थिति सीमित क्यों है ? ये पूछ्हने पे नवाज़ ने यह स्पष्ट रूप से स्पष्ट कर दिया कि किसी भी फिल्म की स्टोरी उनके लिए ख़ास मायने रखती है |
चकाचौंध वाला सिनेमा मेरी सिनेमा नही
आपको जानकर हैरानी होगी कि नवाज़ को लगभग 200 स्क्रिप्ट की गयी है| जिनमें से उन्होंने काम करने के लिए केवल 5 को सेलेक्सेट किया है | उनका कहना है कि अगर लोग साउथ सिनेमा देखना पसंद क्लोर रहे हैं तो उन्हें कुछ न कुछ अच्छा ही लगता होगा| लेकिन मुझसे पूछें तो मुझे इस तरह की साउथ सिनेमा समझ नहीं आती | नवाज ने कहा मैंने भी दक्षिण भारतीय फिल्में की हैं लेकिन ये चकाचौंध वाला सिनेमा मेरा सिनेमा नहीं है| मैं किरदारों पर ध्यान देता हूं|
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