कोविड-19 प्रोत्साहन राशि विवाद को लेकर शुरू हुई सियासी खींचतान थमने का नाम नहीं ले रही है. इस मामले में नया सुबूत पेश करते हुए विधायक सरयू राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को पद का दुरुपयोग करने व विभागीय संकल्प की गलत व्याख्या करने के आरोप में मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर मुकदमा चलाने की मांग की है.
मुख्यमंत्री को भेजे छह पन्नों के पत्र में सरयू राय ने कोविड-19 प्रोत्साहन राशि भुगतान से जुड़े मामले का सिलसिलेवार वर्णन किया है. उन्होंने बताया कि मंत्री ने कोषांग के अन्य अपात्र स्वास्थ्य कर्मियों के बैंक खाता में प्रोत्साहन राशि का भुगतान करने के लिये डोरंडा ट्रेजरी (कोषागार) एवं प्रोजेक्ट बिल्डिंग ट्रेजरी (कोषागार) में स्वास्थ्य विभाग से 60 विपत्र (बिल) भेजवाया. जिसमें मंत्री के आदेश से डोरंडा ट्रेजरी में भेजे गये 54 विपत्रों का भुगतान हो गया. प्रोत्साहन राशि सभी संबंधित कर्मियों के बैंक खाते में जा चुकी है.
मुख्यमंत्री को भेजे ताजा शिकायत में विधायक सरयू राय ने आरोप लगाया कि प्रोजेक्ट बिल्डिंग ट्रेजरी में भेजे गये 6 विपत्र लैप्स हो गए. लैप्स हुए 6 विपत्रों में से एक विपत्र मंत्री के खुद का है. 2 विपत्र स्वास्थ्य मंत्री के दो आप्त सचिवों के हैं, 2 विपत्र मंत्री के दो निजी सहायकों के हैं और एक विपत्र मंत्री कोषांग के एक चर्या लिपिक का है. उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि स्वास्थ्य मंत्री के वित्तीय अनियमितता का भंडाफोड़ हो जाने के बाद बन्ना गुप्ता ने 14 और 15 अप्रैल, 2022 को अवकाश के दिन स्वास्थ्य विभाग का कार्यालय खुलवाया, कागजातों में हेराफेरी किया और अपने भ्रष्ट आचरण के सबूत मिटाने की कोशिश की.
यहीं नहीं अपना विपत्र लैप्स होने की जानकारी मिल जाने के बाद मंत्री ने अवकाश के दिन 15 अप्रैल 2022 को कार्यालय खुलवाकर विभागीय संयुक्त सचिव, मनोज कुमार सिन्हा से एक कार्यालय आदेश निकलवाया. जिन 54 कर्मियों के बैंक खाता में कोविड प्रोत्साहन की राशि चली गई थी, उक्त राशि को मंत्री ने नैतिकता का हवाला देकर रद कराया. सरयू राय ने कहा कि यह आदेश वस्तुतः मंत्री जी के भ्रष्ट आचरण का प्रमाण है.
भेजे पत्र में सरयू राय ने कहा कि मंत्री एवं मंत्री कोषांग में पदस्थापित आप्त सचिव, निजी सहायक, चर्या लिपिक आदि के वेतन, भत्ता आदि का भुगतान प्रोजेक्ट भवन कोषागार से होता है. वहीं जो कर्मी मंत्री कोषांग से संबद्ध नहीं हैं, उनका भुगतान डोरंडा कोषागार से होता है.
इसीलिए स्वास्थ्य विभाग ने मंत्री और उनके कोषांग में कार्यरत 6 कर्मियों का कोविड प्रोत्साहन राशि विपत्र प्रोजेक्ट भवन ट्रेजरी में भेजा और अन्य 54 कर्मियों का विपत्र नेपाल हाउस, डोरण्डा ट्रेजरी में भेजा, जबकि मंत्री जी ने सभी को मंत्री कोषांग का कर्मी बताकर कोविड प्रोत्साहन राशि देने का आदेश किया था. यह आदेश भी मंत्री के द्वारा बरती गई वित्तीय अनियमितता और भ्रष्ट आचरण का एक अतिरिक्त प्रमाण है. उन्होंने मुख्यमंत्री से ऐसे भ्रष्ट आचरण करने वाले मंत्री को तत्काल बर्खास्त करने तथा मुकदमा चलाने की मांग की.
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